[Team insider] राज्य के 30 मजदूर मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर के बेंटोंग में फंस गए हैं। वे अपने वतन वापसी की लागातार गुहार लगा रहें हैं। जिसके बाद बोकारो के फंसे मजदूरों को लेकर बोकारो उपायुक्त में मामले में संज्ञान लिया है और अनुमंडल पदाधिकारी बेरमो को परिजनों से संपर्क स्थापित करने का निर्देश दिया है साथ ही इस मामले में राज्य सरकार को भी अवगत करा दिया है। बता दें कि ये मजदूर बोकारो, गिरिडीह और हजारीबाग जिले के हैं।
सोशल मीडिया के माध्यम से दी जानकारी
मलेशिया में फसें सभी मजदूरों ने वीडियो बना कर सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी है कि वे सभी मजदूर वहां फंस गए हैं। 30 मजदूरों में से बोकारो जिले से 13 मजदूर हैं, जिनमे गोमियां प्रखंड से 9 मजदूर और नावाडीह प्रखंड से 3 मजदूर हैं। वहीं गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के 4 मजदूर और हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ प्रखंड से 11 मजदूर मलेशिया में फसें हुए हैं।
मजदूरों के परिजनों से ली गई जानकारी
वहीं बोकारो उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने बताया की जैसे जानकारी मिली अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा मजदूरों के परिजनों से सारी जानकारी ली गई है, साथ ही हमारे स्तर से राज्य माइग्रेंट सेल से भी संपर्क किया गया है। उनके द्वारा एंबेसी से और मजदूरों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है। उपायुक्त ने उम्मीद जताते हुए कहा कि बहुत जल्द सकारात्मक पहल करते हुए सभी मजदूरों को वापिस लाने का प्रक्रिया कर ली जाएगी।
सभी मज़दूरों का वीजा अवधि खत्म
बताते चले की सभी मजदूरों को तीन साल के एग्रीमेंट पर लिडमास्टर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन एसडीएन बीएचडी में मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर भेजा था। तीन साल का एग्रीमेंट वीजा की अवधि भी समाप्त हो चुका हैं। सभी मज़दूरों का वीजा खत्म हो जाने के कारण वे मजदूर गुलाम की तरह जिंदगी बसर कर रहे हैं। कंपनी की ओर से पिछले चार महीने का वेतन नहीं दिया गया है। सभी मज़दूरों ने बकाया राशि दिलाकर वापसी की गुहार लगायी हैं।