सात साल पहले नरकटियागंज के प्रकाशनगर मोहल्ले से लापता हुए भाई-बहन बाल सुधार गृह में मिले हैं। 2016 में दोनों भाई-बहन खेलते-खेलते घर के पास से गायब हो गए थे जिसके बाद उनकी काफी तलाश भी की गई पर कोई पता नहीं चल पाया। करीब सात साल बाद आधार कार्ड के माध्यम से उनकी पहचान हो पाई है। बताया जा रहा है कि बाल सुधार गृह में पढ़ाई के दौरान फार्म भरने के लिए आधारकार्ड की आवश्यकता पड़ने पर पता चला कि उनका आधार पहले से बना है। जिसके आधार पर उनके परिजनों की पहचान हो पाई। फिलहाल, कौशिकी कुमारी (19) शिकारपुर पुलिस के सहयोग से माता-पिता के पास चली आई है। उसका भाई राजीव (14) अभी बाल सुधार गृह में है। उसकी परीक्षा चल रही है।
रोट्रैक्ट क्लब ऑफ सारण सिटी ने लगाया निःशुल्क दन्त शिविर
2016 में लापता हुए थे बच्चे
कौशिकी ने बातचीत में बताया कि 2016 में वह लापता हुई थी। उसे याद नहीं कि वह कैसे लखनऊ पहुंच गई। बाल सुधार गृह में करीब सात साल से रह रही थी। नौवीं क्लास में जब रजिस्ट्रेशन के लिए आधारकार्ड की जरूरत पड़ी तो उसे बनवाने ले जाया गया तो वहां पहले से उसके आधारकार्ड बनने का प्रमाण मिला। फिर बाल सुधार गृह ने पूर्व के बने आधारकार्ड के माध्यम से उसका पता निकालकर माता-पिता की तलाश शुरू की। इसकी सूचना शिकारपुर पुलिस को दी गई। शिकारपुर पुलिस ने समाजसेवियों के माध्यम से बच्ची के घर का पता लगा लिया।
घर के पास से लापता हो गए थे दोनों
कौशिकी ने पुलिस को बताया कि उसका भाई राजीव उर्फ इंद्रसेन अभी बाल सुधार गृह में है। उसकी परीक्षा होने के कारण वह उसके साथ नहीं आ सका है। इन बच्चों की मां प्रकाश नगर निवासी सुनीता देवी ने बताया कि 2016 में 12 वर्ष की बेटी कौशिकी और सात वर्ष का राजीव पड़ोस में खेल रहे थे। उस दौरान लापता हो गए। काफी खोजबीन के बाद जब उनका पता नहीं चला तो शिकारपुर थाने में आवेदन दिया था। इसमें देवरानी मुन्नी देवी पर संदेह जताया था। पुलिस ने इस मामले में उसे जेल भी भेजा था। वहीं इस मामले में शिकारपुर थानाध्यक्ष रामाश्रय यादव ने बताया कि लापता कौशिकी को बाल सुधार गृह से लाया गया है। उसका भाई परीक्षा होने के कारण नहीं आ सका है। कौशिकी को न्यायालय में बयान के लिए भेजा जा रहा है।