गरीब तबके के लोगों को इलाज की सुविधा दिलाने के लिए सरकार द्वारा निकाली गई योजना में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आया है। सीएजी द्वारा ऑडिट रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। योजना के अनुसार जिन अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड से इलाज के लिए लाइसेंस दिया जाना था उनके लिए कुछ कंडीशन भी रखी गई थी। कंडीशन को पूरा करने वाले अस्पतालों को ही आयुष्मान कार्ड से इलाज के लिए लाइसेंस देना था। लेकिन जो रिपोर्ट सामने आई है उसके अनुसार लेन-लेन कर उन अस्पतालों को भी लाइसेंस दे दिया गया है जो इन कंडीशन को पूरा करने में खड़े नहीं उतरे।
राज्य सरकार ने सभी जिलों के सीएस को अस्पताल खोलने या आयुष्मान योजना का लाइसेंस देने से पहले फायर सेफ्टी, प्रदूषण और बायोवेस्ट निष्पादन जमा कराने का निर्देश दिया था इसके बाद ही अस्पताल आयुष्मान योजना के तहत इलाज कर सकती थी लेकिन सीएजी( कंट्रोलर एंड ऑडिटर जेनरल ऑफ इंडिया) की रिपोर्ट के अनुसार कई ऐसे अस्पताल है जहां के फायर सेफ्टी और प्रदूषण के कागजात की भी जांच नहीं की गई थी। वहीं, जांच में बायोवेस्ट कचरे का निस्तारण नहीं करने वाले कई अस्पताल मिले है। जिन्हें आयुष्मान योजना के तहत इलाज करने का लाइसेंस दिया गया है।
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