बिहार में जातिगत जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने रोक लगाई है। जिसको लेकर बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पटना हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल कर चुनौती दी है। बिहार सरकार ने याचिका में पटना हाईकोर्ट के द्वारा जातिगत जनगणना पर रोक लगाए जाने के फैसले को रद्द करने की मांग की है। जिसपर बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय करोल ने इस मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। उन्होंने बताया कि पटना हाईकोर्ट में वो भी पक्षकार थे इसलिए खुद को सुनवाई से अलग कर लिया। जिसके बाद इस मामले में सुनवाई टल गई थी। आज इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है।
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पटना हाईकोर्ट ने लगाई है रोक
बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने जातीय जनगणना पर अंतरिम रोक लगा दी है। साथ ही अबतक इकठ्ठा किए गए डाटा को भी सार्वजानिक करने से माना किया है। वही इस मामले में सुनवाई करने की तारीख को 3 जुलाई तय की गई। बिहार सरकार की ओर से जल्दी सुनवाई के लिए याचिका भी दाखिल की गई थी। लेकिन पटना हाईकोर्ट ने जल्द सुनाई से इनकार करते हुए बिहार सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। मतलब अब ये तय हो गया है की जातिगत जनगणना पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को ही होगी। लेकिन बिहार सरकार ने पटना हाईकोर्ट द्वारा जातिगत जनगणना पर रोक लगाने के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जिसपर आज सुनवाई होनी है। ये देखना खास होगा कि सुप्रीम कोर्ट पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखती है या फिर बिहार सरकार के पक्ष में फैसला सुनती है।