सृजन घोटाला मामले में सीबीआई को बड़ी सफलता मिली है। कई सालों की कोशिश के बाद सृजन घोटाला के मुख्य आरोपी को सीबीआई ने गुरुवार को दिल्ली से सटे साहिबाबाद से गिरफ्तार कर लिया है। रजनी प्रिया सृजन घोटाला की मुख्य आरोपी है जिसे ढूंढने के लिए सीबीआई ने ऐड़ी चोटी का जोड़ लगा दिया था वहीं सीबीआई का कहना है कि आरोपी के पास से सृजन घोटाला मामले के कई सबूत मिल सकते है। सृजन घोटाला 2017 का है। सृजन एनजीओ के खाते में ट्रांसफर की गई सरकारी राशि का बंटबारा हुआ था। इस घोटाले में तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी। जिसके बाद सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को सृजन घोटाले की जांच शुरू की थी, जिसमें अभी तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर क्लर्क सलाखों के पीछे हैं। लेकिन मुख्य आरोपी फरार थे, जिनकी भी गिरफ्तारी हो गई है।
रजनी प्रिया और उसके पति को किया गया था भगौड़ा घोषित
बिहार के भागलपुर में 2017 में करीब दो हजार करोड़ के सृजन घोटाला हुआ था इस मामले में सीबीआई के सूत्रों से बड़ी जानकारी मिली है कि सृजन की किंगपिंग मनोरमा देवी की बहू रजनी प्रिया को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। गाजियाबाद के साहिबाबाद से सीबीआई ने रजनी प्रिया को गिरफ्तार किया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक यह भी बताया जा रहा है कि मामले की मुख्य आरोपी रजनी प्रिया के पति अमित कुमार की मौत हो चुकी है। सीबीआई ने करोड़ों की मालकिन रजनी प्रिया के मकान पर कई बार इश्तेहार चश्पा किया था वहीं उनके कई जमीनों को भी जब्त किया। ईडी ने भी कई सम्पत्तियों को अटैच किया था। साथ ही सीबीआई ने अमित और रजनी प्रिया को भगौड़ा घोषित कर दिया था।
उसका पता बताने वालों के लिए इनाम की भी घोषणा की गयी थी क्योंकि रजनी प्रिया और अमित वह मुख्य आरोपी है जिसके पास मामले से जुड़े कई अहम सबूत भी मिल सकते हैं और कई सफेदपोशों का भी पर्दाफाश हो सकता है।
दो हजार करोड़ का किया गया था घोटाला
रजनी प्रिया सृजन घोटाला की मुख्य आरोपी है जिसे ढूंढने के लिए सीबीआई ने ऐड़ी चोटी का जोड़ लगा दिया था वर्षों बाद सीबीआई को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सृजन घोटाले की मास्टरमाइंड मनोरमा देवी के निधन के बाद उनके आरोपी बेटे अमित कुमार और बहू रजनी प्रिया की संपत्ति पर 10 जनवरी 2023 को भी और जून 2023 में भी कोर्ट ने नोटिस दिया था। गौरतलब है कि अमित कुमार और रजनी प्रिया दोनों को कोर्ट में पेश होना था। लेकिन कोर्ट में हाजिर नहीं होने पर सीबीआई ने उनके पुराने आवास तिलकामांझी स्थित न्यू विक्रमशिला कॉलोनी में उनके तीन मकानों पर नोटिस चिपकाया था। सीबीआई ने 25 अगस्त 2017 को सृजन घोटाले की जांच शुरू की थी, जिसमें अभी तक कई बैंक के अधिकारियों से लेकर कलर्क व क्लर्क सलाखों के पीछे हैं।
बता दें कि सृजन एनजीओ के खाते में ट्रांसफर की गई सरकारी राशि का बंटवारा हुआ था। इस घोटाले में तकरीबन दो हजार करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई थी।