चतरा शहर के बीचोबीच स्थित ऐतिहासिक नयकी तालाब के जीर्णोद्धार और कायाकल्प का मार्ग पूरी तरह प्रशस्त हो गया है। डीसी अबू इमरान के सख्ती के बाद हरकत में आए अंचल कार्यालय और नगर परिषद प्रबंधन की संयुक्त टीम ने बुलडोजर चलाकर तालाब को अतिक्रमण मुक्त करा दिया है। अंचल अधिकारी भागीरथ महतो, प्रभारी थाना प्रभारी कौशल कुमार सिंह और नगर परिषद पदाधिकारी के संयुक्त नेतृत्व में अधिकारियों व सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने दिनभर बुलडोजर चलाकर तालाब की भूमि पर अवैध रूप से निर्मित एक दर्जन से अधिक दुकानों और घरों को ध्वस्त कर दिया।
बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों और दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी
इस दौरान मौके पर बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों और दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की गई थी। ताकि अतिक्रमणकारियों द्वारा संभावित विरोध का पुरजोर तरीके से जवाब दिया जा सके। गौरतलब है कि दो करोड़ 34 लाख रुपये के लागत से नगर परिषद द्वारा ऐतिहासिक नयकी तालाब का जीर्णोद्धार व कायाकल्प किया जाना है। जिसके तहत तालाब का गहरीकरण, पार्क निर्माण, ओपन जिम ,स्ट्रीट लाइट व वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ तालाब के चारों ओर सड़क का निर्माण कराते हुए तालाब का सौंदर्यीकरण किया जाना है।
इसे लेकर नगर परिषद द्वारा सुधीर कुमार जायसवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को कार्य की जिम्मेवारी सौंपी गई है। लेकिन संवेदक के आग्रह के बावजूद तालाब के जमीन पर आसपास के एक दर्जन से अधिक लोगों द्वारा अवैध रूप से किये गए अतिक्रमण कर बनाए गए दुकान और घर को नहीं हटाया जा रहा था। जिसे लेकर कार्य एजेंसी और संवेदक ने नगर परिषद और डीसी से तालाव को अतिक्रमण मुक्त कराने की गुहार लगाई थी।
24 घंटो का मोहलत देते हुए अपना अपना घर और दुकान हटा लेने का निर्देश
संवेदक के शिकायत को गंभीरता से लेते हुए डीसी ने नगर परिषद और अंचल कार्यालय को तालाब की भूमि की माफी कराते हुए उसे अतिक्रमण मुक्त कराने का निर्देश दिया था। तालाब के समीप नगर परिषद और अंचल कार्यालय द्वारा चलाए गए अतिक्रमण मुक्त अभियान के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करने वाले अतिक्रमण कारी अपने दुकान और मकान का सामान खाली कर खुद अपना दुकान और घर तोड़ने में जुट गए हैं। हालांकि इस दौरान नगर परिषद और अंचल अधिकारी ने अतिक्रमणकारियों के आग्रह पर उन्हें 24 घंटो का मोहलत देते हुए अपना अपना घर और दुकान हटा लेने का निर्देश दिया है।