एक माह के भीतर भाकपा माओवादी के साथ चतरा पुलिस की दूसरी बार भीषण मुठभेड़ हुई। भाकपा माओवादी सैंट्रल कमिटी के सदस्य गौतम पासवान, रीजनल कमेटी मेंबर इंदल गंझू, अभ्यास भुईयां, जोनल कमांडर नीरू, अमरजीत, सब जोनल कमांडर सहदेव व एरिया कमांडर संतोष भुईयां दस्ते के साथ भीषण मुठभेड़ हुई। चतरा पुलिस, सीआरपीएफ कोबरा 203 बटालियन, झारखंड जगुआर और सीआरपीएफ 190 बटालियन के जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। खुद पर सुरक्षाबलों को भारी पड़ता देख जंगल का लाभ उठाकर नक्सली भागे। वहीं सर्च अभियान के दौरान सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली ।
एसपी ने दी नक्सलियों को दी खुली चुनौती
झारखंड बिहार सीमा पर स्थित हंटरगंज एवं वशिष्ठनगर जोरी थाना क्षेत्र के फाटा जंगल में मुठभेड़ हुई। वहीं सर्च अभियान जारी है। पुलिस को अब तक 01 इंसास रायफल, 04 इंसास मैगजीन, 01 इंसास एलएमजी मैगजीन, 195 जिंदा कारतूस, दर्जनों मोबाईल फोन, डेटोनेटर व आईडी बनाने का सामान, दवाईयां, 9 वायरलेस सेट, दो केन आईडी समेत नक्सलियों के दैनिक उपयोग का सामान जप्त किया है। एसपी राकेश रंजन ने प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी। एसपी ने दी नक्सलियों को खुली चुनौती और कहा कि नक्सली आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर हथियार डालें, वरना पुलिस की गोली खाने को तैयार रहें।
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सीआरपीएफ के जवान की मौत हो गयी थी
इससे पहले प्रतापपुर एवं कुंदा थाने की सीमा पर 18 सितंबर को भी पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। सीआरपीएफ के जवान नक्सल विरोधी अभियान को लेकर छापेमारी के लिए निकले हुए थे। इसी क्रम में प्रतापपुर-कुंदा थाना क्षेत्र के सिकिद-बलही जंगल में उनका सामना उग्रवादियों के हो गया था। मुठभेड़ में सीआरपीएफ 190वीं बटालियन के एक जवान को गोली लगी थी। जख्मी जवान को बेहतर उपचार के लिए हेलीकॉप्टर से रांची भेज दिया गया थे। जिसके बाद सीआरपीएफ के जवान की मौत हो गयी थी।