आलू खाने की उम्मीद छोड़ चूके डायबीटिज यानि शुगर पिड़ित लोगो के लिए स्वयंसेवी संस्था जीवन ज्योति ट्रस्ट ने बड़ा पहल किया है। संस्था नाबार्ड के जरिए जिले के गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के द्वारी पंचायत भवन में शुगर फ्री आलू की खेती करने को लेकर महिलाओ का प्रशिक्षण करवा रही है। बता दें कि डायबिटीज के मरीजों के लिए स्टार्च और शुगर युक्त ये चीजें किसी जहर से कम नहीं मानी जाती है, क्योंकि यह शुगर स्पाइक को बढ़ाता है।
यह प्रशिक्षण 15 दिवसीय है जिसका शुभारंभ खुद जिले के नाबार्ड डीडीएम मृत्युंजय बख्शी ने फीता काटकर किया है। शुभारंभ के दौरान नाबार्ड डीडीएम ने बताया कि आज के दौर में 40 वर्ष से अधिक की उम्र के अधिकांश लोग डायबिटीज से पीड़ित होते हैं ऐसी स्थिति में उन्हें आलू खाने की मनाही होती है। उन्होंने कहा कि आज का दौर ऐसा है कि आलू के बगैर कोई भी सब्जी पूरी नहीं होती है ऐसी स्थिति में वे आलू के बने सब्जी अथवा अन्य व्यंजनो को नही खा पाते हैं।
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15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
नाबार्ड डीडीएम ने बताया कि डायबिटीज पीड़ित लोग अब आसानी से इस शुगर फ्री आलू को खा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में पंचायत क्षेत्र के कुल 30 महिला एवं पुरूष किसानो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के उपरांत उन्हें संस्था के द्वारा खेती करने के लिए बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि शुगर फ्री आलू आम आलू से कम मेहनत और लागतो में अधिक उपज देता है। वहीं पंचायत के मुखिया ने बताया कि शुगर फ्री आलू की खेती करने का प्रशिक्षण को करवाना क्षेत्र के लिए काफी लाभकारी है। संस्था का यह पहल डायबिटीज पीड़ित लोगों के कल्याणकारी साबित होगा।