अवैध खनन और टेरर फंडिंग के मामले में बदनाम चतरा के टंडवा में संचालित सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना एक बार फिर विवादों में है। इस बार परियोजना के विवादों में घिरने का कारण अवैध माइनिंग और टेरर फंडिंग नहीं है। बल्कि इसमें कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी अंबे माइनिंग प्राईवेट लिमिटेड द्वारा परियोजना के भीतर कोयला खनन और ट्रांसपोर्टिंग में लगे वाहनों व मशीनों में चोरी और कालाबाजारी के डीजल का अवैध उपयोग कर केंद्र और राज्य सरकार समेत सीसीएल को प्रतिमाह करोड़ों रूपये के राजस्व का नुकसान पहुंचाने का मामला है। दरअसल चतरा पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने दो दिन पूर्व कानपुर से धनबाद के लिए निकली अवैध डीजल लदे दो टैंकरों को सिमरिया थाना क्षेत्र में पकड़ा था।
सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम के दस्तावेज पर निकले इन टैंकरों को धनबाद जाना था। लेकिन यह दोनों टैंकर धनबाद ना जाकर चतरा के टंडवा में संचालित आम्रपाली कोल परियोजना भेजी जा रही थी। जहां संचालित वाहनों और मशीनों में इस कालाबाजारी और चोरी के डीजल की खपत होनी थी। इसका खुलासा पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने ही किया था।
अवैध उपयोग के उद्देश्य से आम्रपाली परियोजना लाया जा रहा था
अंबे माइनिंग के इस काले करतूत का खुलासा तब हुआ था जब इंडियन ऑयल के ब्लैक लिस्टेड टैंकर में रिलायंस कंपनी का डीजल लोड होने के दस्तावेज वाहनों से पकड़े गए थे। एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के अनुसार पेट्रोलियम मंत्रालय के नियमों के अनुसार इंडियन ऑयल के टैंकर में किसी भी परिस्थिति में रिलायंस का डीजल लोड नहीं हो सकता। और ना ही इंडियन आयल का डीजल रिलायंस के टैंकर में..? बावजूद आम्रपाली कोल परियोजना के अधिकारियों की मिलीभगत से आउटसोर्सिंग कंपनी अंबे माइनिंग के प्रतिनिधियों के द्वारा विभिन्न कंपनियों के टैंकरों से चुराए गए डीजल के खेप को एकत्रित कर ब्लैक लिस्टेड टैंकर में लोड कर अवैध उपयोग के उद्देश्य से आम्रपाली परियोजना लाया जा रहा था। जिसे गुप्त सूचना के आधार पर पकड़कर एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने सिमरिया पुलिस को सुपुर्द कर दिया था।
साथ ही इस पूरे मामले में अंबे माइनिंग के विरुद्ध प्राथमिकी को लेकर एसोसिएशन की ओर से पुलिस को आवेदन भी दिया गया था। सिमरिया पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अवैध डीजल लदे दोनों टैंकरों को जप्त कर, कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस के द्वारा सीसीएल के अलावे पेट्रोलियम मंत्रालय और सेल टैक्स विभाग से भी टैंकरों से जप्त दस्तावेजों की जांच कर रिपोर्ट मांगा गया है।
करार से 26 रुपया ज्यादा सीसीएल से वसूल रही अंबे माईनिंग
सीसीएल के अम्रपाली कोल परियोजना में चोरी के डीजल की कालाबाजारी और अवैध आपूर्ति के इस पूरे मामले को लेकर पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष शुभम सिंह ने महाप्रबंधक को पत्र लिखकर आउटसोर्सिंग कंपनी अंबे माईनिंग के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है। महाप्रबंधक को भेजे गए त्राहिमाम पत्र में एसोसिएशन के चतरा जिला अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए कहा है कि किसी भी कार्य के आवंटन से पूर्व सीसीएल के द्वारा कंपनियों को स्थानीय डीजल मूल्य के आधार पर कार्य आवंटन होता है।
इतना ही नहीं डीजल के मूल्य में बढ़ोतरी होने की स्थिति में नए दर के अनुरूप आउटसोर्सिंग कंपनियों को सीसीएल के द्वारा भुगतान भी किया जाता है। बावजूद निरंतर अनैतिक कार्यों में संलिप्त रहने वाली कंपनी अंबे माइनिंग के द्वारा सीसीएल कर्मियों से मिलीभगत कर परियोजना क्षेत्र में चोरी के अवैध डीजल की आपूर्ति कर केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ सीसीएल को भी प्रतिमाह करोड़ों के राजस्व का भारी-भरकम नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
अंबे माइनिंग के पदाधिकारियों के इस घिनौने षड्यंत्र में आम्रपाली परियोजना के अधिकारियों की भी गहरी संलिप्तता है। शुभम सिंह ने पत्र में कहा है कि सीसीएल के द्वारा कार्य आवंटन से पूर्व आउटसोर्सिंग कंपनी के साथ 70 रुपया प्रति लीटर वैध डीजल का उपयोग करने को ले एकरार हुआ था। जिसका भुगतान सीसीएल प्रबंधन के द्वारा कंपनी को बड़े हुए नए दर 96 रुपया प्रति लीटर के आधार पर हो रहा है।
बावजूद अपनी आदतों से परेशान अंबे माइनिंग के अधिकारियों के द्वारा अवैध रूप से एकत्रित नकली केमिकल युक्त 50 रूपये लीटर वाले अवैध डीजल का उपयोग परियोजना में कर सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाई जा रही है। जिससे सरकार को प्रतिमाह लगभग डेढ़ सौ करोड़ से अधिक के राजस्व का रिकार्ड नुकसान हो रहा है।
हर्जाने के साथ हो नुकसान की राशि की वसूली
महाप्रबंधक को भेजे गए पत्र में एसोसिएशन के अध्यक्ष ने अंबे माइनिंग के अधिकारियों द्वारा केंद्र और राज्य सरकार को आर्थिक आघात पहुंचाने की रची गई घिनौनी साजिश के पर्दाफाश को ले जांच कमेटी का गठन करने की मांग की है। साथ ही जांच कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर आरोपी आउटसोर्सिंग कंपनी से नुकसान की राशि हर्जाने के साथ वसूलने की भी मांग की है। ताकि भविष्य में कोई भी कंपनी कोल परियोजना में गड़बड़ी और गबन कर सरकार को राजस्व का घाटा देने से पूर्व एक बार जरूर सोचें।
पूर्व से विवादों में है अंबे माईनिंग, सीबीआई में दर्ज है एफआईआर
शुभम सिंह ने आरोप लगाया है कि आउटसोर्सिंग कंपनी अंबे माइनिंग केंद्र और राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान देकर यहां से होने वाले कमाई से देश विरोधी शक्तियों को बढ़ावा दे रही है। इस कंपनी द्वारा सरकार और सीसीएल को वैट समेत अन्य राजस्व में दिए गए नुकसान समेत अन्य गैर-कानूनी करतूतों की जांच केंद्रीय जांच एजेंसियों के द्वारा पूर्व से ही किया जा रहा है। पूर्व में 83 करोड़ के गबन की एक जांच के बाद सीबीआई ने भी इस कंपनी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की है। वहीं टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए समेत अन्य राष्ट्रीय जांच एजेंसियों के भी रडार पर यह कंपनी है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इसी कंपनी के घिनौनी साजिश के शिकार आम्रपाली कोल परियोजना के पूर्व जीएम एके ठाकुर हुए हैं। जो टेरर फंडिंग मामले में होटवार मे जेल की हवा खा रहे हैं।
कोयला मंत्री और कोल मंत्रालय के अधिकारियों को भी भेजी गई चिट्ठी
सीसीएल की आम्रपाली कोल परियोजना में आउटसोर्सिंग कंपनी अंबे माइनिंग के द्वारा चोरी के डीजल की कालाबाजारी और अवैध आपूर्ति के आरोपों के मामले की शिकायत पत्र चतरा पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन ने कोयला मंत्री, वित्त मंत्री व मुख्यमंत्री के साथ-साथ कोयला मंत्रालय के वरीय अधिकारियों को भी भेजा है। साथ ही इसकी प्रतिलिपि स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह, सिमरिया विधायक किशुन दास, डीसी एसपी और अम्रपाली कोल परियोजना के अधिकारियों को भी प्रेषित किया है।