चतरा जिले में महत्वाकांक्षी बाइक एंबुलेंस की हालत बिना उपयोग में लाए जर्जर अवस्था में पड़ी हुई है। दरअसल चतरा जिले के सिमरिया रेफरल अस्पताल और प्रखंड कार्यालय बाइक एंबुलेंस गैरेज बन गया है। प्रखंड कार्यालय और अस्पताल भवन के परिसर में बाइक एंबुलेंस रखे हुए हैं और कई बस एंबुलेंस भी पड़ा हुआ है। नतीजा यह है कि यह भवन एंबुलेंस गैरेज बनकर रह गया है। अब इस पर किसी की भी ध्यान इनायत नहीं हो रही। गांव के गरीबों और जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं लाती है। लेकिन धरातल पर पहुंचते-पहुंचते उसका उद्देश्य और वास्तविकता बदल जाती है।
50 बाइक एंबुलेंस खरीदे गए थे
ऐसा ही कुछ मामला चतरा जिले के सिमरिया अनुमंडल में सामने आया है। जिले के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीणों की सुविधा के लिए सांसद मद से जिले भर के लिए करीब 50 बाइक एंबुलेंस खरीदे गए थे। सभी बाइक एंबुलेंस की खरीदारी लगभग एक करोड़ 7 लाख 31 हजार रूपये की लागत से की गई थी। चतरा आज भी काफी पिछड़ा जिला है, जिसमें कई ऐसे गांव है। जहां ना तो पहुंचने को सड़क है और ना ही मोबाइल का नेटवर्क और पेयजल के लिए स्वच्छ पानी का भी अभाव है।
ऐसे क्षेत्रों में अचानक बीमार पड़ने पर ग्रामीणों को अस्पताल तक ले जाने की दृष्टि से ये बाइक एंबुलेंस काफी कारगर साबित हो सकते हैं। लेकिन व्यवस्था की मार में बाइक एंबुलेंस अपने से उद्देश्य से भटककर कहीं गुम हो गई, जब इन बाइक एंबुलेंस की पड़ताल की गई तो, पता चला कि अधिकांश एंबुलेंस बिना उपयोग किए जर्जर हालात में हो गई है।
तैयार नहीं हो पाई संचालन के लिए रूपरेखा
अस्पताल और प्रखंड कार्यालय में रखी बाइक एंबुलेंस सांसद मद से आवंटित है। सांसद मद से जिले भर के लिए बाइक एंबुलेंस खरीदे गए थे। योजना थी कि छोटे एंबुलेंस गांव के गली गली में जा पाएंगे और मरीजों की सेवा हो पाएगी। लेकिन यह योजना भी विफल हो गई। दो साल पहले सांसद मद से एंबुलेंस तो खरीद लिए गए लेकिन इसके संचालन के लिए रूपरेखा तैयार नहीं हो पाई। इसके कारण यह एंबुलेंस आज तक ज्यों के त्यों पड़े रह गए। कुछ इस अस्पताल में है तो कुछ कहीं और पड़े हैं।
एक एंबुलेंस पर दो लाख 19 हजार रुपए खर्च हुए थे। चतरा में अभी भी कई ऐसे सुदूरवर्ती गांव है, जहां सड़क की सुविधा ना के बराबर है। ऐसे में जिला प्रशासन को चाहिए कि इन बाइक एंबुलेंस को इनके वास्तविक कार्यों में लगाया जाए, जिससे जरूरतमंद ग्रामीणों को इलाज के लिए सुविधा मिले और उनकी जान बचाई जा सके।
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जिला परिषद को दिया जा रहा संचालन का जिम्मा
चतरा के सिविल सर्जन डॉ एस एन सिंह ने बाइक एंबुलेंस के धरातल पर ना उतरने के सवाल पर बोलते हुए कहा इस संबंध में राज्य तथा उपायुक्त को लिखा गया था। उन्होंने कहा कि जिले को आवंटित सभी बाइक एंबुलेंस का संचालन का जिम्मा जिला परिषद को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सदर अस्पताल समेत जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्र को निर्गत किए गए बाइक एंबुलेंस को अभिलंब दुरुस्त कर उसका का संचालन जिला परिषद के देखरेख में किया जाएगा।