[Team Insider]: बिहार में अब मदरसा की शिक्षा पर सियासत तेज होती जा रही है। मदरसों पर टिप्पणी करने वालों पर HAM प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान (Dr. Danish Rizwan) का बयान सामने आया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में मदरसा पर टिपण्णी करने वाले मंत्री को खरी खोटी सुनायी। उन्होंने कहा कि बिहार में चव्वनी छाप नेता मदरसों पर टिपण्णी कर के अपनी राजनीति (Politics) चमका रहे हैं। वैसे चवन्नी छाप नेता से आग्रह है कि देश का इतिहास पढ़ लें।
मदरसों का इतिहास पढ़ने की सलाह
रिजवान ने कहा कि जिस बिहार में वह जो मंत्री बन बैठे हैं उन्हें यह जान लेना चाहिए कि बिहार के मुख्य सचिव मदरसा से हीं पढ़ें हैं। पंजाब के डीजीपी रहे इजहार साहब भी मदरसा से हीं तामिल ली है। रामधारी सिंह दिनकर ने भी मदरसे से पढाई की है। हम प्रवक्ता ने कहा कि बिहार में जो मदरसे चल रहे हैं वह सरकार के फंड से हीं चल रहे हैं। ऐसे में सरकार में मंत्री रहते हुए मदरसे पर टिपण्णी करना कि मदरसे में आतंकवाद की पढाई हो रही है लानत है आप पर और सरकार पर। HAM प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान नें मदरसों का इतिहास पढ़ने की सलाह भी दे डाली।
साम्प्रादायिकता की राजनीति करने वाले
उन्होंने आगे कहा कि बेकार की बयानबाजी कीजियेगा तो मदरसा वह आसमान है जिस पर आप थूकियेगा वह थूक आप पर हीं पडेगा। अंत में उन्होंने नीतीश कुमार से अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसे जाहिल गंवार मंत्री जो सरकारी योजना और सरकारी मद से चलने वाली मदरसों पर जो अर्नगल टिपण्णी कर रहे हैं उन्हें अविलम्ब बाहर का रास्ता दिखाएं। ये लोग साम्प्रादायिकता की राजनीति करने वाले हैं। इन्हें शिक्षा से कोई मतलब नहीं।
मदरसे में धार्मिक बातें पढ़ाई जाती हैं
बता दें कि बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू ने कहा था कि मदरसों में कोई शिक्षा प्रणाली नहीं है। मदरसे में धार्मिक बातें पढ़ाई जाती हैं। वहां भारत के खिलाफ पढ़ाया जाता है। बच्चों के दिमाग में देश देश के प्रति गलत बातें बतायी जाती हैउन्हें बताया जाता है कि यह देश हमारा नहीं है। इस देश में हमे गलत नजरिये से देखा जाता है। हमें सम्मान नहीं मिलता। तरह-तरह की देश विरोधी बातें बताई जाती है। एक धर्म विशेष के खिलाफ बच्चों के मन में जहर भरा जाए, यह बिहार ही नहीं देश के लिए भी ठीक नहीं है। इन्ही सब बयानों को लेकर आज HAM प्रवक्ता डॉ दानिश रिजवान का बयान सामने आया है।
मुख्य धारा में आने के लिए पढाई पर ध्यान देना चाहिए
इसके पहले मंत्री जीवेश कुमार मिश्रा (Jivesh Kumar Mishra) ने भी मदरसे में होने वाली पढ़ाई को लेकर मंगलवार को बयान दिया था। जिसमें कहा था कि अल्पसंख्यक भाइयों को मुख्य धारा में आना है तो मुख्य पढ़ाई पर उन्हें ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिसको पढ़कर वो कुछ बेहतर बनें ना कि सांप्रदायिक चीजों को पढ़कर दिमाग को दूसरे चीजों में लगाना चाहिए।