राजनीतिक गलियारे में नीतीश कुमार की मेमोरी लॉस होने की चर्चाएं होने लगी है। इसकी कई वजह भी है। लेकिन सीएम नीतीश का यह भूल जाना की गृह विभाग उनके पास है। उनके मेमोरी लॉस होने की चर्चाएं तेज कर दी है और इसके लिए जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को जिम्मेदार बताया गया है। नीतीश के पुराने साथी और लोजपा रामविलास के नेता ने ललन सिंह पर नीतीश को मेमोरी लॉस होने के दवा देने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही गृह मंत्री से बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि नीतीश की स्थिति ठीक नहीं है ऐसे में प्रधानमंत्री को बिहार में राष्ट्रपति शासन लगानी चाहिए और बिहार को बचाना चाहिए।
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“नीतीश हेल्पलेस हो गए है”
लोजपा रामविलास के नेता अरुण कुमार शनिवार को एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने हाजीपुर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए ललन सिंह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीतीश को खाने में दवा दी जा रही है। जिसकी वजह से उनकी मेमोरी लॉस हो गई है, मानसिक स्थिति खराब हो गई है। जिसकी वजह से नीतीश जनता दरबार में गृह मंत्री को खोजने लगते है। वह भूल जाते है कि गृह मंत्री वो खुद है। कभी नेताओं को पकड़कर सिर में सिर टकराने लगते है कभी किसी नेता के पैर पकड़ लेते है।
जिस राज्य के मुख्यमंत्री का मेमोरी लॉस हो जाए उस राज्य की जनता का क्या होगा? पहले तो हमलोग नीतीश कुमार का विरोध करते थे लेकिन अब वे खुद हेल्पलेस हो गए हैं और मानसिक रूप से कैद कर लिए गए हैं। जो लोग मुख्यमंत्री को ऑपरेट कर रहे हैं उन लोगों ने बेचारे नीतीश कुमार से बिहार में जातीय गणना कराया। 32 साल तक शासन में रहे लेकिन पहले चिंता नहीं हुई जातीय गणना कराने आज ऐसा क्या हो गया कि जातीय गणना कराई गई।
“ललन सिंह लालू यादव को अपना नेता मान चुके हैं”
अरुण कुमार ललन सिंह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि लालू यादव को चारा घोटाला मामले में जेल भेजने में मुंशी का काम कर रहे थे वहीं आज जदयू को समाप्त करने में लगे है। यह जदयू को समाप्त कर नीतीश कुमार को किनारा कर देंगे। ललन सिंह लालू यादव को अपना नेता मान चुके है और उन्हें यह कह चुके है कि चारा घोटाले में हमने आपको फंसाया था तो हम ही आपको बचाएंगे।