[Team insider]: बिहार में जदयू (JDU) पार्टी शराबबंदी पर अलग-थलग पड़ गई है। उनकी सहयोगी पार्टियों के साथ साथ बिहार कांग्रेस (Congress) भी उंगली उठाने लगी हैं। सर्वोच्च अदालत (supreme court) ने भी बिहार में शराबबंदी के कड़े कानून के तहत आरोपियों को अग्रिम और नियमित जमानत देने को चुनौती देने वाली अपीलें ख़ारिज कर थी। और कहा था कि पटना हाईकोर्ट के चौदह पन्द्रह जज पहले से हीं ऐसे मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। बिहार के नालंदा (Nalanda) में शराब पीने से हुये संदिग्ध मौतों पर कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता और भागलपुर विधायक अजित शर्मा ने दुख व्यक्त किया है।
संजय जायसवाल के बयान का किया समर्थन
कांग्रेस विधायक ने बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल के बयान का समर्थन किया है। संजय जायसवाल ने शराबबंदी कानून की समीक्षा की बात कही है। अजित शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश जी के गृह जिला नालंदा में संदिग्ध मौतें हुई हैं। वहां के लोग इसे शराब से मौतें बता रहे हैं। शराबबंदी कहीं लागू नहीं है। बड़े पदाधिकारी भी इसमे संलिप्त हैं। नालन्दा में ऐसी घटना हुयी है। इसका मतलब है नीतीश जी को उनके प्रशासन ने आईना दिखाने का काम किया है। अजित शर्मा ने एक बार फिर शराबबन्दी कानून खत्म करने की मांग की।
चिराग पासवान ने कहा यह मौत नहीं हत्या है
वहीं चिराग पासवान ने भी नीतीश सरकार पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि नालंदा नीतीश जी का गृह जिला है। वहां इस तरह से ऐसी घटना हो रही है इसे मैं मौत नहीं हत्या हीं बोलूंगा। हमलोगों ने नीतीश सरकार को बार बार आगाह किया है कि जहरीली शराब का निर्माण बड़े पैमाने पर हो रहा है। चिराग ने कहा कि शराबबंदी कानून विफल है। सीएम नीतीश को कहा जिसके घर जहरीली शराब पीने से मृत्यु हुई है उनके परिवार से एक बार भी मिलने नहीं गए हैं। अगर शराबबंदी को सचमुच लागू करना है तो सबसे पहले ऐसे गिरोह को पकड़िये जिसको आपके सरकार के लोग और अधिकारी संरक्षण देते हैं।