मुंगेर में प्रेस को संबोधित करते हुए राजद नेता शिवानंद तिवारी ने मणिपुर और हरियाणा के नूंह हिंसा को लेकर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मणिपुर और हरिणाया में हिंसा हुई कई लोग मारे गए। कितने लोग बेघर हो गए। लेकिन प्रधानमंत्री ने ना हिंसा पर कुछ कहा और ना ही दोनों जगहों का दौरा किया। मणिपुर में हुए हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी तोड़ने के लिए विपक्षी गठबंधन अविश्वास प्रस्ताव लाया, लेकिन संसद में पीएम मोदी ने 2 घंटे 13 मिनट के भाषण में सिर्फ 5 मिनट ही मणिपुर घटना पर चलताऊ ढंग से बोलकर निकल गए। इसके साथ ही उन्होंने सवर्ण समाज पर भी जमकर निशाना साधा।
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“मणिपुर और नुंह में हिंसा के बाद भी प्रधानमंत्री खामोश है”
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी अपने एक दिवसीय दौरे पर मुंगेर गए थे, जहां उन्होंने मणिपुर और हरियाणा के नुंह का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर में दो समुदाय के बीच जंग छिड़ी हुई है। 60 हजार लोग बेघर हो गए है, 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी हैं, 4 हजार घर बर्बाद हो गए, 300 चर्च जल चुकी हैं। 6500 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है। वहीं हरियाणा के नुंह में हिंसा में 6 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन प्रधानमंत्री खामोश है। प्रधानमंत्री ने मणिपुर में शांति बहाल करने की कोशिश भी नहीं की।
इसके साथ ही उन्होंने सवर्ण जातियों पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि ईंट पत्थर का काम हो या घर बनाने का काम ब्राह्मण और राजपूत नहीं करते हैं। ये तो पिछड़ी जाति के ही लोग करते हैं। हिंदुत्व ने ऐसे लोगों को अपमान के अलावा कुछ नहीं दिया है। उन्होंने आगे कहा कि अगर हम सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, ट्विटर पर कुछ पोस्ट करते हैं तो अपशब्द कॉमेंट्स मेरे ही समाज के लोग करते हैं।
शिवानंद तिवारी ने 1984 का उदाहरण देते हुए कहा कि 1984 में जब हम चुनाव लड़ रहे थे। उस समय भी अपर कास्ट का बोलवाला था। उस समय यादव समाज की गिनती मजबूत समाज में होती थी लेकिन अपर कास्ट के लोगों द्वारा उन्हें भी खदेड़ कर बूथ पर कब्जा कर लेते थे और लोगों से कहते थे जाओ तुम्हारा वोट पड़ गया। शिवानंद तिवारी ने आगे कहा जब 1990-91 में मंडल कमीशन लागू हुआ और लालू यादव ने एक मुहिम चलाया जिसके बाद समाज में बदलाव आया।