रोहतास के पूर्व डीएम की लगातार मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। 33 साल पूर्व रे’प और चोरी के आरोप में जिला व्यवहार न्यायालय स्थित एडीजे प्रथम मनोज कुमार की अदालत ने एक्शन लेते हुए, रोहतास डीएम के वेतन निकासी पर रोक लगा दी है। यह एक्शन 33 साल पहले हुए रेप और चोरी के एक लंबित मामले में सुनवाई करते हुए वेतन निकासी पर तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगाने का निर्देश जारी किया गया है। इसके पहले कोर्ट ने इसी मामले को लेकर 1 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार में जमा करने का आदेश दिया था, जिसका पालन न होने पर कोर्ट ने यह ऐक्शन लिया है।
दरअसल, 33 साल पुराना रेप मामले में रोहतास डीएम के खिलाफ कोचस थाने में शिकायत दर्ज हुई थी। जिसके बाद इस मामले में ट्रायल का सामना कर रहे दो अभियुक्तों में एक अभियुक्त राजेंद्र डोम पिछले 33 वर्षों से न्यायालय में अनुपस्थित है। साथ ही चिकित्सक सहित मामले के कुल छह गवाहों में से मात्र एक गवाह सूचिका की गवाही हुई है। अन्य पांच गवाहों की गवाही के चलते मामला लंबित है। कोर्ट ने सैकड़ों आदेश संबंधित पदाधिकारियों को जारी किया था। जिसके बावजूद भी अधिकारी उक्त अभियुक्त एवं गवाहों को न्यायालय में उपस्थित कराने में लापरवाही बरत रहे थे। जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में अभियोजन पक्ष को दोषी करार देते हुए रोहतास डीएम के खिलाफ पूर्व में ₹100000 स्थगन हर्जाना जमा करने का आदेश जारी किया था। जिसका पालन नहीं करने पर कोर्ट ने डीएम के वेतन निकासी पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है।