शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने एक बड़ा फैसला लिया है। के.के.पाठक ने सीपीआई के एक एमएलसी के वेतन और पेंशन पर रोक लगा दी है। बता दें कि के. के. पाठक के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने शिक्षक संघ फुटाब के दो पदाधिकारियों पर कार्रवाई की है। जिन दो पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है उसमें से एक सीपीआई एमएलसी प्रो. संजय सिंह भी है। एमएलसी प्रो. संजय सिंह के पेंशन पर रोक लगा दी गई है। वहीं दुसरे पदाधिकारी प्रोफेसर बहादुर सिन्हा के सैलरी और पेंशन पर भी रोक लगाया गया है। शिक्षा विभाग के आदेश पर एमएलसी प्रो. संजय सिंह काफी भड़के हुए हैं। उन्होंने फैसलों के खिलाफ कोर्ट जाने की बात भी कही है।
के. के. पाठक पर बरसे MLC
अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर एमएलसी प्रो. संजय सिंह ने पत्रकारों से बात की। जिसमें उन्होंने कहा कि के. के. पाठक को विश्वविद्यालय संबंधित कानून की कोई जानकारी नहीं है । यूजीसी एक्ट,विश्वविद्यालय अधिनियम और समय समय पर संशोधित कानून की कोई जानकारी नहीं है । बिहार सरकार का यह नौकरशाह इतना मनमाना हो गया है की इसने इस तरह का पत्र निर्गत किया है। उन्होंने कहा कि हम पटना जाएंगे तब कोर्ट तो जायेंगे ही , चुकी हम बिहार विधानसभा के शिक्षक प्रतिनिधि हैं इसलिए इनके खिलाफ हम प्रिविलेज मोशन भी लायेंगे । इनको हम देख रहे हैं की यह बिना कानून को देखे बिना जाने आदेश पारित करते हैं । सुप्रीम कोर्ट का आदेश है की किसी के पेंशन को आप रोक नहीं सकते तो फिर ऐसा आदेश कैसे पारित हो गया ? आज हम उस स्थिति में हैं की हम इनके खिलाफ प्रिविलेज मोशन लायेंगे ।