नेपाल में हुई भारी बारिश के बाद बिहार के 12 जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इन जिलों के 20 प्रखंडों के करीब 2 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है। यहां हालात और भी गंभीर हो सकते हैं, क्योंकि नेपाल की ओर से छोड़ा गया पानी बिहार के मैदानी इलाकों में फैलने की संभावना है। इसके कारण, सुपौल, दरभंगा, भागलपुर, सीतामढ़ी, समस्तीपुर समेत कई इलाकों में पानी बढ़ने का खतरा मंडरा रहा है।
सीतामढ़ी में भी नेपाल में हुई बारिश का असर देखने को मिल रहा है। बागमती नदी के जलस्तर में आई वृद्धि से बेलसंड प्रखंड का माड़र बांध टूट गया है। जिससे ओलीपुर, जाफरपुर, मधकौल समेत आधा दर्जन गावों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है। इस कारण लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई घर जलमग्न हो गए हैं और ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है।
वहीं, शनिवार को कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोले दिए गए। जिसके बाद सुबह से रात 12 बजे तक कोसी बराज से 6.17 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। यह 56 सालों में दूसरी बार सबसे अधिक है। कोसी बराज पर पहली बार पानी चढ़ गया है। इससे बराज के क्षतिग्रस्त होने की आशंका को लेकर शुक्रवार की शाम 4 बजे से ही बराज पर आवाजाही बंद है। वहीं, अब इस वजह से भागलपुर में भी खतरा बढ़ गया है।
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर, सुपौल और पश्चिमी चंपारण के इलाके में पड़ा है। अररिया में भी बारिश और बाढ़ के कारण रेलवे ट्रैक पर पानी आ गया है। जोगबानी स्टेशन की पटरियां पानी में डूबीं हैं। जिसके बाद दोपहर तक ट्रेन का परिचालन बंद कर दिया गया है। बिहार में बाढ़ के हालात को देखते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय NDRF और SDRF के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं।