बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तारीख की घोषणा कर दी गई है। ये सत्र पांच दिवसीय होगा जो 6 नवंबर से 10 नवंबर तक चलेगा। इस सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना है। चूँकि बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजानिक होने के बाद ये पहला सत्र है। इसलिए जातीय गणना को लेकर चर्चा भी जरुर होगी। बताया जा रहा है की जातीय गणना एक रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव भी सरकार की तरफ से पेश किया जा सकता है।
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विधानमंडल में जातीय गणना की रिपोर्ट पर होगी चर्चा
बिहार जातीय गणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद से गाहे-बगाहे जनसंख्या के आधार पर आरक्षण के मांग हो रही है। सीएम नीतीश कुमार ने जब इस विषय पर सवाल पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि सभी पार्टियों के की सहमती के बाद ही जातीय गणना करायी गई है। उन्होंने कहा था की गणना की रिपोर्ट को शीतकालीन सत्र के समय बिहार विधानमंडल में रखा जाएगा। सभी परिवारों की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा भी सदन में रखा जाएगा, चाहे वे किसी भी जाति-धर्म के हों। उसके बाद सभी से विमर्श कर आगे इस पर काम किया जाएगा।