अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा करने वाले मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित का 82 वर्ष में निधन हो गया। शनिवार सुबह सात बजे मंगलागौरी मोहल्ला स्थित अपने आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली, उनका अंतिम संस्कार मणिकर्णिका घाट पर किया जाएगा, कहा जा रहा है वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थे।
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पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का जन्म 1942 में मुरादाबाद में हुआ था। बाल्यावस्था में वह शुक्लयजुर्वेद शाख एवं घनान्त अध्ययन के लिए काशी आए थे। अध्ययन के पूर्ण होने के बाद भी उन्होंने आजीवनकाशी में ही रहने का निश्चय किया।