बिहार सरकार द्वारा कराई जा रही जातीय जनगणना पर पटना हाई कोर्ट ने पहले ही रोक लगा दी थी। इसके बाद लगातार इस मामले की सुनवाई चल रही थी। तीन से सात जुलाई तक की सुनवाई के कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। बताया जा रहा है कि पटना हाई कोर्ट में बुधवार 12 जुलाई को फैसला आ सकता है। इस मामले में सरकार की दलील रही है कि 500 करोड़ रुपए का फंड इसके लिए राज्य सरकार ने जारी किया है। इसके साथ ही जनगणना का काम भी काफी हद तक पूरा हो चुका है। साथ ही यह भी कहा गया है कि आम जनता की भलाई के लिए आंकड़ों को एकत्रित किया जा रहा है। बता दें कि दो चरणों मे होने वाली जातीय गणना का पहला चरण तो पूरा हो गया है। लेकिन दूसरा चरण शुरू होते ही हाई कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी।
जातीय गणना में अब तक हुआ
- 27 फरवरी 2020: जाति आधारित गणना कराने का प्रस्ताव बिहार विधानसभा से पास हुआ।
- अगस्त 2021: सीएम नीतीश कुमार ने तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की, जातीय गणना पर सहमति बनी।
- 23 अगस्त 2021: सीएम और तेजस्वी के नेतृत्व सभी पार्टियों के नेता PM से मुलाकात की और जाति आधारित जनगणना कराने की मांग की।
- 1 जून 2022: जाति आधारित गणना के मुद्दे पर बिहार में सर्वदलीय बैठक हुई, सभी पार्टियों की सहमति बनी।
- 2 जून 2022: कैबिनेट से जातीय गणना से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया।
- 21 जनवरी 2023 : मकानों की गिनती का काम पूरा हुआ।
- 4 मई 2023 : 15 मई 2023 तक लोगों की गिनती करने का टारगेट रखा गया था। लेकिन कोर्ट ने 4 मई को ही इस पर 3 जुलाई तक के लिए अंतरिम रोक लगा दी।