निरसा के एमपीएल ओपी क्षेत्र अधीनस्थ पांडरा मोड के करीब से रविवार को ग्रामीणों ने एमपीएल पुलिस के सहयोग से गौवंश लदे 2 वाहनों को पकड़ा। पकड़े गए वाहनों को एमपीएल पुलिस अपने साथ एमपीएल ओपी ले आयी है। जानकारी देते हुए एमपीएल ओपी प्रभारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर ग्रामीणों के सहयोग से गौवंश लदे दोनों वाहनों को पकड़ा गया है। जब इससे संबंधित कागजातों की मांग ड्राइवर से की गई तो ड्राइवर कोई भी कागजात नही दिखा सका। जिसके बाद दोनों गाड़ियों को जप्त कर लिया गया। जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
सड़क मार्ग से पहुंचाया जाता है पश्चिम बंगाल
बता दें कि धनबाद जिला पश्चिम बंगाल बॉर्डर से सटा हुआ, जिसका पूरा फायदा तस्कर उठाते हैं। अवैध ढंग से वाहनों में लाद कर इन्हें एक राज्य से दूसरे राज्य तक आसानी से पहुंचाया जा रहा है। झारखंड, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों से तस्कर कम कीमतों में गोवंश खरीदते हैं, जिसके बाद उसे सड़क मार्ग से पश्चिम बंगाल पहुंचाया जाता है। तस्करी के लिए पहले बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्र जैसे नदिया, 24 परगना, बीरभूम, मालदा आदि शहरों में इन गोवंश को सुरक्षित रखा जाता है। इसके बाद नदी व जंगल के रास्ते ये बांग्लादेश पहुंचाए जाते हैं।
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बताया जाता है कि इन शहरों से बांग्लादेश तक गोवंश की तस्करी आसान है। इसी का फायदा उठाकर तस्कर मवेशियों को बड़ी आसानी से बांग्लादेश के गपताली गांव तक पहुंचाते हैं। यहां से पूरे बांग्लादेश में गोवंश को भेज दिया जाता है। जानकारों के अनुसार, यह सिलसिला वर्षों से चलता आ रहा है।