[Team Insider] झारखंड सरकार के द्वारा मगही,भोजपुरी और अंगिका को धनबाद- बोकारो जिले के स्थानीय भाषाओं की सूची से बाहर किए जाने की अधिसूचना जारी करने के बाद, इस भाषा के बोलने वाले झरिया धनबाद के लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। मगही भोजपुरी मैथिली बचाओ मंच के द्वारा शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो,कांग्रेस कोटे के मंत्री आलमगीर आलम और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर का पुतला दहन किया गया। साथ ही ही जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई।
हेमन्त सरकार ने धनबाद और बोकारो की जनता के साथ किया छल
मगही भोजपुरी मैथिली संस्कृति बचाओ मंच के प्रदेश कार्य समिति के सक्रिय सदस्य जितेंद्र पासवान ने कहा कि हेमन्त सरकार ने धनबाद और बोकारो की जनता के साथ छल किया है। इसके मंत्रियों और वैसे सांसद विधायक जिन्होंने मगही और भोजपुरी भाषा का विरोध किया है।इसे हटवाने में अपनी भूमिका निभाई है। उनके खिलाफ जोरदार आंदोलन किया जाएगा। उन्हें घर से निकलना मुश्किल कर देंगे।पूरे झारखंड में नाकेबंदी कर दी जाएगी।
पुरजोर विरोध की चेतावनी
उन्होंने कहा कि उनके पूर्वज सदियों से धनबाद के विकास में अपनी भूमिका निभाते रहे हैं। उनके बच्चे रोजगार के लिए बाहर कहां जाएंगे।ऐसे में इन भाषाओं को हटाने को लेकर पुरजोर विरोध किया जाएगा।