अक्सर विवादों में रहने वाले झारखंड के धनबाद बस्ताकोला में संचालित जीवन संस्था वैसे तो मानसिक रूप से दिव्यांग और मूक बधिर बच्चों को प्रशिक्षण और शिक्षा के लिए काम करती है लेकिन फिर से एक दिव्यांग किशोर की संदिग्ध मौत के बाद सुर्खियों में है। पोस्टमार्टम से पूर्व किशोर के मुंह और नाक से खून के निशान, शरीर में कई जगह पर जख्म के निशान जब्कि पांव में भी गहरे जख्म के निशान देखने को मिला।
पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार करवाया
रविवार को 15 वर्षीय एक अनाथ दिव्यांग किशोर की संदिग्ध अवस्था मे मौत हो गई है। पिछले दिनों कोडरमा चाइल्ड वेलफेयर कमिटी ने उक्त किशोर को जीवन को सुपुर्द किया था ताकि उसकी बेहतर पढ़ाई एवं देखभाल हो सके।मामले को लेकर धनबाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची और जांच पड़ताल की एवं पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार करवाया।
मानसिक रूप दिव्यांग बच्ची की संदिग्ध हो गई थी मौत
बता दें कि इससे पूर्व जीवन संस्था में एक मानसिक रूप दिव्यांग बच्ची गौरी कुमारी की 15 जुलाई को संदिग्ध मौत हो गई थी। उसके मुंह और नाक से खून निकल रहे थे। इसपर बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम धनबाद पहुंच कर जांच पड़ताल की थी एवं धनबाद उपायुक्त को संस्थान के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था।लेकिन सिर्फ FIR हुआ था कोई कार्रवाई अब तक नही हुई।
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बच्चे के शरीर पर कई जख्म के निशान मिले थे
एक अन्य मामले में धनबाद के झरिया में जीवन संस्था में बादल पाठक नाम के विशेष बच्चे का उसके पिता ने प्रशिक्षण और अध्यन के लिए एडमिशन कवराया था लेकिन आसनसोल के रहने वाले बादल के पिता बिपीन पाठक को क्या मालूम था कि संस्था उनके बच्चे के जीवन में ज्योति नहीं बल्कि अंधेरा लाएगी। 15 दिन पर वह अपने बच्चे को जीवन ज्योति देखने के लिए पहुंचे तो बच्चे के शरीर पर कई जख्म के निशान पाए। बताया गया कि उसके आंख से दिखना भी बंद हो गया था। बेटे ने प्राचार्य ए के सिंह पर मारपीट और यातनाएं देने की बात बताई थी।