[Team insider] धनबाद के बाघमारा से भाजपा विधायक ढुल्लू महतो पर हार्डकॉक व्यवसायी से 10 लाख रुपये रंगदारी मांगने की प्राथमिकी बुधवार को राजगंज थाना में दर्ज कराए जाने के बाद धनबाद के जाने माने उद्योगपति कृष्ण मुरारी चौधरी ने भी उक्त विवादित जमीन पर दावा किया है। उद्योगपति ने बताया कि भुनेश्वर महतो और जगदीश महतो नामक रैयत से जुलाई 2020 में खरीदी है। उक्त व्यवसायी वरुण सिंह के द्वारा उनकी जमीन पर गलत तरीके से काम कराया जा रहा है। जिसकी शिकायत उनके कर्मचारी के द्वारा स्थानीय थाने में कराई गई है।
तोड़फोड़ व रंगदारी मांगने के आरोप पर प्राथमिकी
इससे पूर्व बोकारो के चंद्रपुरा स्थित एनएसडी कॉलोनी कोलियरी मकोली निवासी हार्डकोक व्यवसायी वरुण कुमार सिंह की शिकायत पर राजगंज थाने में कांड संख्या-15/2022 के विभिन्न धाराओं सहित आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में ढुलू के अलावा आनंद शर्मा, रामेश्वर महतो, कमल किशोर पांडेय, सुकदेव महतो और केदार यादव समेत अन्य पर महेशपुर में हार्डकोक फैक्ट्री की बाउंड्री में तोड़ फोड़ और रंगदारी का आरोप लागते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उद्योगपति कृष्ण मुरारी चौधरी ने भी दावा किया
वहीं उक्त जमीन पर जिले के जाने-माने उद्योगपति कृष्ण मुरारी चौधरी ने भी दावा किया है उनका कहना है कि जगदीश महतो एवं भुनेश्वर महतो नामक रैयत से जुलाई 2020 में उन्होंने उक्त जमीन को खरीदी थी जो महेशपुर मौजा में पुराना खाता संख्या 65 और नया खाता सख्या 191 के कई प्लॉट में विभक्त है। कुल 19 एकड़ जमीन में बकायदा रसीद भी उनके नाम से कटा हुआ है, म्यूटेशन भी हो चुका है और अब वहां उक्त स्थान पर उनके द्वारा बिस्किट फैक्ट्री लगाई जा रही है।
लेकिन वरुण सिंह और उनके गुर्गों के द्वारा उनके कर्मचारियों से रंगदारी मांगी गई। उल्टे विधायक ढुलू समेत उनके समर्थकों एवं जगदम्बा फ्लावर मिल के कई कर्मचारियों को झूठे मुकदमे में फंसाने की साजिश के तहत एफआईआर दर्ज करा दी गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग कि की पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई करें।
दोषियों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई
वहीं पूरे मामले में जिले के वरीय पुलिस पदाधिकारी जांचोपरांत ही कुछ कहने की बात कर रहे हैं। जबकि राजगंज थानेदार ने कहा कि दोनो पक्षों की शिकायत दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है। दोषी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किसी निर्दोष पर पीड़क कार्रवाई नहीं होगी।