बेतिया में चनपटिया पीएचसी प्रभारी डॉ प्रदीप कुमार के नेतृत्व में चार व्यक्ति निक्षय मित्र बन 7 टीबी मरीजों को गोद लेते हुए तत्परता दिखाई है। प्रभारी डॉ प्रदीप कुमार ने दो, डॉ कुमार रितेश रंजन ने 02, डॉ शशांक शेखर02 और लैब टेक्नीशियन राजेश कुमार ने 01 टीबी मरीज को गोद लेकर छः महीने के लिए दाल, तेल, चना, मूंग, सोयाबीन, राजमा इत्यादि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मौके पर चनपटिया के पीएचसी प्रभारी डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर टीबी मरीजों को पोषण का लाभ पहुंचाकर उन्हें सुरक्षित करना हम सबकी जिम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि टीबी मरीजों को पौष्टिक आहार देने के लिए आगे आएं, औऱ उन्हें गोद लेकर 6 माह तक उनके लिए पौष्टिक आहार में भूना चना, सत्तू, सोयाबिन, अंडे, गुड़, मूंगफली, बिस्किट आदि खाद्य पदार्थो की पैकेट सूची के अनुसार वितरण करें।
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“दवाओं के साथ पोषाहार के उपयोग से खत्म होगी टीबी“
इस दौरान जिले के सिविल सर्जन डॉ श्रीकांत दुबे ने कहा कि टीबी के इलाज में दवाओं के साथ पोषाहार का उपयोग बेहद जरूरी होता है। टीबी के कारण मरीजों के शरीर में दिन-प्रतिदिन कमजोरी एवं वजन में भी कमी आ जाती है। दवाओं के सही सेवन, समय पर इलाज और पौष्टिक आहार से यह ठीक हो जाती है। जिसके लिए मरीजों को दवाओं के सेवन के साथ हीं पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। ताकि टीबी पूरी तरह से ठीक हो सके। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा निक्षय मित्र बनने सम्बंधित अपील पर पहल करते हुए जिले के चिकित्सक, स्वास्थ्य कर्मी, समाजसेवी अब टीबी मरीजों के सहयोग को आगे आ रहे और निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को सहयोग कर रहे हैं।