[Team Insider] 73 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका स्थित पुलिस लाइन मैदान में झंडोत्तोलन किया। मुख्यमंत्री ने दो वर्षो कि उपलब्धियां गिनाई। गणतंत्र दिवस समारोह में जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने बहुत ही कम समय में झारखंड के कई क्षेत्रों में विकास के लिए गंभीर एवं सार्थक प्रयास किए हैं। सरकार द्वारा झारखंड में बेरोजगारी दूर करने, आर्थिक सबलता प्रदान करने, प्रशासन एवं विकास की प्रक्रिया में आमजनों की सहभागिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है। हम आप सबों के सहयोग से स्वच्छ, पारदर्शी एवं संवेदनशील प्रशासन प्रदान करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
शिक्षा विकास का है आधार
मुख्यमंत्री ने उन्होंने कहा कि शिक्षा विकास का आधार है। मानव विकास एवं समाज में वैज्ञानिक सोच विकसित करने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। हम शिक्षा के प्रति सजग एवं संवेदनशील हैं। मुझे आप सबों को यह जानकारी देने में प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार द्वारा जारी किए गये शैक्षणिक सूचकांक में विगत एक वर्ष में झारखंड को 29 अंको का फायदा हुआ है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। झारखंड सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में एक विशेष पहल की गयी है। इस निमित्त राज्य सरकार द्वारा 80 उत्कृष्ट विद्यालय, 325 प्रखंड स्तरीय लीडर स्कूल तथा 4091 ग्राम पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालयों को विकसित करने का कार्य किया जा रहा है।
राज्य भर में पेट्रोल सब्सिडी के लिए 73 हज़ार आवेदन स्वीकृत
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर मैंने वादा किया था कि गरीब एवं जरुरतमंद दु-पहिया वाहन धारकों को महंगाई से राहत देने के लिए 26 जनवरी से 25 रुपये प्रति लीटर की दर से पेट्रोल पर अनुदान दिया जायेगा। आज मुझे यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि आज से पूरे राज्य में CM-SUPPORTS योजना के माध्यम से प्रत्येक गरीब एवं जरुरतमंद दु-पहिया वाहन मालिकों को प्रतिमाह 10 लीटर पेट्रोल के लिए 25 रुपये प्रति लीटर की दर से 250 रुपये की राशि उनके खाते में सीधे भेज दी जायेगी। 1 लाख 4 हज़ार लोगों ने इस योजना के लिए निबंधित किया है। इनमे 73 हज़ार का आवेदन स्वीकृत हो चुका है।
20 उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए लगभग 72 करोड़ रुपये स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि संताल परगना प्रमंडल में 20 उत्कृष्ट विद्यालयों के निर्माण के लिए लगभग 72 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गयी है। इन विद्यालयों में सभी आवश्यक मूलभूत संरचनाओं के विकास के साथ-साथ पर्याप्त शिक्षकों की व्यवस्था भी की जाएगी। विगत दो वर्षों से कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कारण हमें विद्यालयों को बंद रखने हेतु बाध्य होना पड़ा है। महामारी में कमी होने की स्थिति में कक्षा 06 से 12 के विद्यालय खोले गए थे, परंतु महामारी बढ़ने के कारण विद्यालयों को पुन: बंद करना पड़ा है।