कड़ी सुरक्षा इंतजामों के बीच अंकिता का अंतिम संस्कार सोमवार सुबह किया गया। शव यात्रा में हजारों लोग उमड़े। गम और गुस्से के साथ भी अंतिम विदाई दी गई। शव यात्रा में दुमका के सांसद सुनील सोरेन समेत कई जनप्रतिनिधि और ग्रामीण शामिल हुए। दुमका के उपायुक्त और एसपी भी बेदिया घाट पहुंचे। भारी संख्या में पुलिस बल तैनाती की गयी है। बता दें कि अंकिता को शाहरुख नामक युवक ने जिंदा आग के हवाले कर दिया था। इलाज की दौरान रिम्स में कल सुबह मौत हो गई थी।
रिम्स के बर्न वार्ड में कराया गया था भर्ती
दुमका जिले के टाउन थाना में शाहरुख नामक व्यक्ति द्वारा बीते मंगलवार को पेट्रोल डालकर जिंदा जला दिया गया था। अंकिता को बेहतर इलाज के लिये रांची स्थित रिम्स के बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया था। घटना के बाद दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल में भर्ती किया गया था। जहां से रिम्स रेफर किया गया था। अंकिता के साथ आये परिजन ने बताया था कि करीब 22 दिन पूर्व आरोपी द्वारा अंकित के घर पर पत्थरबाजी की गयी थी, इसमें खिड़की के शीशे टूट गये थे। मामले की जानकारी आरोपी के परिजनों को भी दी गयी थी। इसके बाद भी लगातार तंग किया जा रहा था। घटना से दो दिन पूर्व अंकिता ने फोन पर आरोपी द्वारा तंग किये जाने की जानकारी दी थी।
हत्यारे को फांसी दिलाने की मांग की
12वीं में पढ़ रही अंकिता कि बूढ़ी दादी ने आरोपी को तुरंत फांसी पर चढ़ाने की बात कही है। दादी ने कहा कि आरोपी को फांसी की सजा दी जाए, जिसने मेरी पोती की जान ली है, मैं काफी बूढ़ी हो गई हूं, हम कब मर जाए कोई ठिकाना नहीं है, इसलिए हत्यारे को जल्द फांसी की सजा दी जाए ताकि मेरी आत्मा को शांति मिले।
ग्रेजुएशन कर टीचर बनने की इच्छा रखती थी
वहीं अंकिता के दादा ने अपनी पोती के बारे में बताते हुए कहा कि घर की हालात को देखते हुए वह कुछ काम करना चाहती थी, वह अपने जान पहचान वालों से नौकरी मांगती थी ताकि घर की माली हालत को दुरुस्त कर सके। वह ग्रेजुएशन कर टीचर बनने की इच्छा रखती थी, लेकिन उसके सारे ख्वाब को उस अपराधी ने खत्म कर दिया।