पटना उच्च न्यायालय के निर्देश पर नालंदा के रहूई प्रखंड शिवनंदन नगर में बुधवार को अतिक्रमण हटाने के लिए भारी संख्या में पुलिस दल-बल के साथ पहुंची।और अतिक्रमण हटाने लगी, जिसके बाद लोगों ने इसका जमकर विरोध किया। विरोध करने के दौरान ग्रामीण और प्रशासन के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठी चार्ज कर दी, साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया। बता दें कि इससे पहले 14 जून को प्रशासन अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। लेकिन उस वक्त पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल होने के कारण इसे टाल दिया था
वहीं इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि डेढ़ सौ घरों को सिर्फ चुनावी रंजिश में तोड़ा जा रहा है, क्योंकि इससे पहले मुखिया के चुनाव में रामकेश प्रसाद और अशोक पासवान चुनावी मैदान में थे दलित होने के कारण सभी लोगों ने अशोक पासवान को अपना वोट देकर मुखिया के चुनाव में जिताने का काम किया। जिससे रामकेश प्रसाद की हार हो गई। जिसका गुस्सा निकालने के लिए पूर्व मुखिया रामकेश प्रसाद के द्वारा पटना हाईकोर्ट में इन सभी के घरों को लेकर नोटिस दाखिल किया गया है।
जिसके बाद पटना हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इन सभी घरों को तोड़ने का निर्देश जारी किया है। लोगो ने बताया की 1989 से दलित समाज के लोग शिवनंदन नगर गांव में इस जमीन पर निवास कर रहे है। एसडीओ अभिषेक पलासिया ने बताया कि पटना हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इन सभी घरों तोड़ने का काम किया जा रहा है। लोगों के आक्रोश को देखते हुए पूरे शिवनंदन नगर गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। नालंदा जिले के लगभग सभी थाना क्षेत्र के थानाध्यक्षों को भी इस अतिक्रमण के दौरान लगाया गया है।