पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया ग्राम में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब गांव वालों ने खेतों पर 50 की संख्या में हाथी को देखा। इसकी सूचना आनन-फानन में आसपास के गांव वालों को दी गई और अपने स्तर से हाथी को खदेड़ने का काम शुरू किया। साथ ही साथ इसकी सूचना वन विभाग को भी दी गई लेकिन अभी तक वन विभाग की टीम उस स्थान पर नहीं पहुंची है।
बंगाल के झारग्राम से विचरण करते हुए पहुंचा
हाथियों का झुंड देखने के बाद वहां के ग्रामीण काफी डरे सहमे है। ग्रामीणों का कहना है या हाथियों का झुंड बंगाल के झारग्राम से विचरण करते हुए यहां पहुंचा है अब देखने वाली बात यह है। वन विभाग ग्रामीणों को हाथी से बचाव के लिए क्या करती है।
अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है
दरअसल पूर्वी सिंहभूम जिला में पश्चिम बंगाल और ओडिशा की सीमा से सटा चाकुलिया वन क्षेत्र सर्वाधिक हाथी प्रभावित क्षेत्र है। आंकड़े पर गौर करें तो तीन वर्षों में हाथियों ने 16 लोगों को पटककर मार डाले। सैकड़ों एकड़ में लगी धान और सब्जी की फसल को रौंद डाली। इससे किसानों को बड़े पैमाने पर जानमाल का नुकसान हुआ है। वहीं वन विभाग द्वारा हाथियों के उपद्रव से निजात दिलाने के लिए अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है। खानापुर्ति के नाम पर सिर्फ वन विभाग द्वारा हाथी भगाने के लिए ग्रामीणों को कुछ टॉर्च और पटाखे दे दिए जाते हैं।