जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने बिजली विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर कई आरोप लगाया है। उन्होंने एक्जीक्यूटिव इंजीनियर पर पैसा लेकर बिजली देने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि एक्जीक्यूटिव इंजीनियर लोअर और मिडिल क्लास के लोगों को परेशान करते है। मीटर में यदि कुछ खराबी होती है तो आकर सीधे मीटर उखाड़कर ले जाता है। जिसके बाद किसी को 25000 तो किसी को 35000 और किसी को 40000 का बिजली बिल थमा देता है। बड़े-बड़े घरों और नेताओं के घर की बिजली कभी नहीं कटती है। क्योंकि इन लोगों के साथ उसका सेटिंग रहता है। लेकिन लोअर और मिडिल क्लास के लोगों को परेशान किया जाता है। गांव के लिए बिजली विभाग का एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की छवि रावण की हो गई है। जहां छोटे-मोटे उद्योग धंधे हैं वहां भी पैसा लेकर ये लोग उन्हें पूरा बिजली देते हैं।
“बिजली जले या न जले बिल आ जाता है”
पप्पू यादव ने कहा कि आज की सबसे बड़ी समस्या है बिजली, पंखा चले या ना चले बल्ब जले या ना जले लेकिन फिर भी बिजली बिल आ जाता है। बिजली की कटौती के बाद भी बिजली बिल आ जाता है। यहां का एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रावण बन चुका है। बिजली की मांग को लेकर यहां गोलीकांड हुई, वहां के मुखिया मुखिया संघ सहित कई लोगों पर केस दर्ज किया गया। लेकिन अब बिजली की मांग को लेकर आंदोलन होगा।
बिजली की मांग को लेकर अब आंदोलन होगा। 12 अगस्त को बारसोई में जनसभा होगी। उसके बाद राजभवन मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजली की मांग को लेकर पदयात्रा भी निकालेंगे। पहला फेज कोसी सीमांचल और दूसरा फेज मिथिलांचल जबकि तीसरा फेज मगध में निकाली जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अन्य जगहों पर 5रुपया प्रति यूनिट बिजली बिल का दर है लेकिन यहां 8 रुपया लिया जाता है। पप्पू यादव ने कहा कि हम सरकार से आग्रह करेंगे कि कम से कम किसान को तो छोड़िए आम आदमी को 24 घंटे में 16 घंटा 17 घंटा तो बिजली दें। बिजली बिल का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। बिजली आम जनता पर बोझ नहीं पड़नी चाहिए।
जिस व्यक्ति की आमदनी 6000 रुपया से कम है उस व्यक्ति पर बिजली का बिल 6000 रुपया नहीं होनी चाहिए। जिसे हम अनाज पानी देकर जिंदा रखे हुए हैं उन पर बिजली बोझ नहीं पड़नी चाहिए।