नई शिक्षक नियमावली को लेकर राजभर के नियोजित शिक्षक शनिवार को बिहार सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगें। यह आंदोलन महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के तर्ज पर किया जा रहा है। जिसको लेकर राज्यभर के नियोजित शिक्षक सरकार पर दबाव डालने के लिए आज से जन जागरण एवं हस्ताक्षर अभियान शुरू करने जा रहे हैं। यह आंदोलन राज्य अध्यापक नियमावली 2023 के विरुद्ध नियोजित शिक्षक आज पश्चिमी चंपारण के भितिहरवा के गांधी आश्रम से शुरु किया जाएगा। आंदोलन शुरु करने से पहले बड़ी संख्या में शिक्षक महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। फिर तमाम पंचायत प्रतिनिधियों और बुद्धिजीवी वर्गों और आम जनमानस के बीच जाकर शिक्षक संघ के सदस्य और नियोजित शिक्षक नई शिक्षक नियुक्ति नियमावली के विरुद्ध में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत करेंगे।
राज्य में पहले से 4.50 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक
बता दें कि, नियोजित शिक्षक शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ बैठकर शिक्षक बनने के लिए परीक्षा देने का विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों को इस बात पर आपत्ति है कि, वह पहले से शिक्षक हैं और उन्हें सिर्फ राज्य कर्मी का दर्जा देना है। इसके लिए सरकार विभागीय स्तर पर कोई क्वालीफाइंग परीक्षा ले सकती है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है। वहीं कट ऑफ मार्क का मापदंड गलत है। नियोजित शिक्षकों को इस बात से आपत्ति है कि 4.50 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक प्रदेश में पहले से है। इस नियमावली के तहत 1.70 लाख शिक्षकों के पद ही भरे जाएंगे, जिसमें शिक्षक अभ्यर्थी भी फाइट करेंगे।
10 जून भारत के इतिहास में चंपारण सत्याग्रह के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण है। महात्मा गांधी के नेतृत्व में संचालित सत्याग्रह के दबाव में पहली बार 10 जून 1917 को अंग्रेजी हुकूमत को किसानों से वार्ता के लिए अधिसूचना जारी करनी पड़ी थी। अब इसी दिन राज्यभर के नियोजित शिक्षक सरकार पर दबाव डालने के लिए आज से जन जागरण एवं हस्ताक्षर अभियान शुरू करने जा रहे हैं।