बिहार में काम के आधार पर स्थायी शिक्षकों के समान ही वेतन की मांग कर रहे करीब 3.5 लाख नियोजित शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट से झटका लगा है। हाईकोर्ट ने टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों को (9300- 34800) का नियमित वेतनमान दिये जाने से संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता इब्राहिम कबीर ने बिहार पंचायत प्राथमिक शिक्षक नियमावली 2012 को रद्द किए जाने की गुहार करते हुए कहा कि टीईटी उत्तीर्ण शिक्षकों के लिए यह एक दंड नियमावली है। वहीं सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही एवं सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप ने कोर्ट को बताया कि नियोजित शिक्षकों के नियमित कैडर वेतनमान का मुद्दा बिहार माध्यमिक शिक्षक संघर्ष समिति मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पहले ही तय किया जा चुका है।
चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन एवं पार्थ सारथी ने सुनवाई की
महाधिवक्ता शाही ने कोर्ट को बताया कि जिस नियम को चुनौती दी गई है, उसे सरकार ने पहले ही नए नियम बिहार पंचायत प्रारंभिक नियम विद्यालय सेवा (नियुक्ति, पदोन्नति स्थानांतरण अनुशासनात्मक और सेवा शर्त) नियम 2020 के माध्यम से निरस्त कर दिया है। राज्य सरकार की दलील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन की मांग करने वाली टीईटी शिक्षकों की याचिका खारिज कर दिया। इस मामलें में चीफ जस्टिस के. विनोद चंद्रन एवं पार्थ सारथी की खंडपीठ ने समीर सारस्वत एवं अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई की।