रविवार को सदर एसडीओ संजय कुमार राय के नेतृत्व में पदाधिकारियों एवं पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में लगभग दो घंटे तक अतिक्रमित दुकानों को तोड़ा गया। यह अतिक्रमण छपरा नगर निगम क्षेत्रान्तर्गत साहेबगंज से पूरब करीमचक मुहल्ले से गुजरने वाले खनूआ नाले के पास लगाया गया था दुकान तोड़ने के दौरान दुकानदारों में अफरा-तफरी का माहौल देखा गया। हालांकि कोर्ट के निर्णय के आलोक में जिला पदाधिकारी सारण अमन समीर के द्वारा पदाधिकारियों की टीम गठित कर खनूआ नाले से अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया था। इस दौरान सदर एसडीपीओ संतोष कुमार, एसएसडीएम अर्शी साहिन, सदर सीओ एसके सिंह, नगर थानाध्यक्ष के अलावें बड़ी संख्या में पुलिस के जवान तैनात थे। देखते-देखते दो से तीन जेसीबी लगाकर प्रशासन ने अतिक्रमित दुकानों को तोड़वा दिया। इन दुकानों के कारण जल निकासी के लिए खनूआ नाला पर कार्य कराने में प्रशासन को भारी परेशानी हो रही थी। इस मामले में न्यायालय के द्वारा गत दिन नगर निगम के पक्ष में फैसला दिया जा चुका था।
इसके साथ ही सदर एसडीओ के नेतृत्व में प्रशासन व पुलिस की टीम ने नगर थाना चौक से पूरब हथुआ मार्केट की चाहर दिवारी के बाहर तथा सड़क के दोनों तरफ लगायी गई दर्जन भर दुकानों को हटा दिया गया। प्रशासन के द्वारा इन सभी दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर दुकान रखे जाने के खिलाफ ही यह कार्रवाई की गई। इस संबंध में जिला पदाधिकारी महोदय ने बताया कि शहर से जल निकासी व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु कठोर कदम आगे भी उठाए जाएंगे।
छपरा शहर में प्रशासन के प्रयासों के बावजूद जल जमाव बड़ी समस्या हो गयी है। इसकी सबसे बड़ी वजह विभिन्न सरकारी नालों तथा खनुआ नाला तथा अन्य जलनिकासी द्वारों पर लोगों के द्वारा अतिक्रमण किया जाना है। जिला प्रशासन हर हाल में जल जमाव से शहर को निजात दिलाने के लिए संकल्पित है। इसी के आलोक में खनूआ नाला की दुकानों तथा हथुआ मार्केट के सामने अतिक्रमण कर रखी गयी दुकानों को हटाया गया है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि इसके अलावे छपरा सरकारी बाजार से मौना सांढ़ा रोड, खनूआ नाला के साधना पूरी, पुरानी गुड़हट्टी आदि विभिन्न स्थानों पर अतिक्रमण कर बनाये गए ढ़ाचे व दुकानों को नोटिस दिया जा चुका है। निर्धारित तिथि के बाद सभी दुकानों को तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। इसी प्रकार रेलवे लाइन के दोनों तरफ जल निकासी में बाधक बने अतिक्रमण कर बनाये गए ढ़ाचे को भी तोड़ने के लिए प्रशासन जमीन की मापी कराकर कार्रवाई करेगा।