रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी राजनीतिक विरासत के लिए लड़ाई छिड़ गई। उनके भाई पशुपति पारस और बेटे चिराग पासवान एक दुसरे के खिलाफ पारिवारिक से लेकर राजनीतिक लड़ाई जग जाहिर है। इसका असर है कि रामविलास पासवान की लोजपा में टूट हो गई। पारस और चिराग ने अपनी अलग-अलग पार्टी बना ली। अब हाजीपुर को लेकर चिराग भी दावा ठोकते है कि ये उनकी पिता की विरासत है इसलिए ये सीट उनके पास होनी चाहिए। वही पशुपति पारस दोबारा से इस सीट पर अपना कब्जा चाहते हैं। उनका तर्क है कि उन्हें खुद ये सीट रामविलास पासवान ने सौंपी है इसलिए ये उनकी है। हालाँकि दोनों ही फ़िलहाल एनडीए का हिस्सा है। फिर भी हाजीपुर को लेकर दोनों आमने-सामने आते रहते हैं। एक बार फिर से पारस ने चिराग को अपने निशाने पर लिया है।
चिराग पर पारस का तंज
दरअसल, चिराग पासवान कई बार ये संकेत दे चुके हैं कि वो हाजीपुर से अपनी मां को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। इसको लेकर जब आज पशुपति पारस से सवाल पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया है। पशुपति पारस ने कहा कि चिराग पासवान से पहले पूछिए की उसके पास दल है या दलदल है। पहले वो खुद बताए कि हाजीपुर से किसके टिकट पर चुनाव लड़वाएगा। देखा जाए तो पारस का तर्क सही भी है क्योंकि चिराग और पारस के दोनों की पार्टी एनडीए का हिस्सा है।
पारस ने पांच सीटों पर ठोका दावा
एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर भी पशुपति पारस ने बयान दिया। उन्होंने 5 सीटों पर दावा ठोंका। पशुपति पारस ने कहा कि हमारी पार्टी शुरू से ही भाजपा के साथ रही है और आज भी उनके साथ है बीच में कई लोग आए और चले भी गए ,कुछ नए लोग अभी भी आ रहे हैं लेकिन उनकी गारंटी नहीं है कि वो कबतक साथ रहेंगे और कबतक नहीं। हमारी पार्टी साथ है और आगे भी रहेगी। इसलिए हम एक बात साफ़ कर देना चाहते हैं कि हम इस बार भी अपने सिटिंग सीट यानी की पांच सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं।