बिहार में सोन, गंगा और पुनपुन के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके कारण लोगों की परेशानी बढ़ी है। पटना के चारों ओर ग्रामीण इलाकों की हालत सबसे ज्यादा खराब है। हालांकि, बिहार में इस साल कम बारिश हो रही है। इसके बावजूद कई इलाकों में बाढ़ आ गया है। कई इलाके डूब रहे हैं। सैकड़ों बीघे में लगी फसल डूब गई है। कई गांव बाढ़ के पानी से घिरे हैं। स्कूलों में भी पानी घुस गया है।
आरा में गंगा के कटाव से लोग डरे हुए हैं। भोजपुर के शाहपुर प्रखंड में जवइनिया गांव में नदी किनारे बने 5 घर बह चुके हैं। बक्सर के चौसा स्थित बनारपुर और सिकरौल गांव में सड़क पर 4 फीट तक पानी चढ़ गया है। 50 से ज्यादा घरों में पानी घुस चुका है। ग्रामीण पलायन करने को मजबूर हैं। गांव में नाव चल रही है। गया के बोधगया प्रखंड स्थित छाछ गांव में 15 साल बाद बाढ़ आई है। 100 से ज्यादा घर इसकी चपेट में हैं। लोग घरों में कैद हैं।
वहीं, भागलपुर के सबौर प्रखंड का मसाढ़ू गांव में गंगा का कटाव जारी है। गंगा किनारे कई परिवार घर खाली कर पलायन करने को मजबूर हैं। लोग घर के सामान से लेकर ईंट तक ले जा रहे हैं। जिन लोगों की जमीन पानी में समा गई है, वो अब अपने सामान को बचाने में लगे हैं। सभी ऊंचे स्थान की ओर जा रहे हैं।
वहीं, सुपौल के किशनपुर प्रखंड की दुबियाही पंचायत के दिघिया गांव में पुल कोसी नदी में ध्वस्त हो जाने से इलाके के लोगों की आवाजाही पर विराम लग गया है। लगातार कोसी नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव की वजह से स्पर के 57.20 से किशनपुर प्रखंड के थरबिट्टा तक जाने वाली मुख्य मार्ग में दिघिया के समीप पुल ध्वस्त हो गया है। इस वजह से आसपास की इलाके के लोगों की आवाजाही प्रभावित हो गई है।