सूर्यकांत कमल
CHATRA : पहले गर्भवती महिला का जबरन सिजेरियन ऑपरेशन किया, फिर मांगी 2 लाख की फीस। नहीं देने पर जच्चा-बच्चा को बना लिया बंधक। जी हां कुछ ऐसा ही मामला चतरा शहर के लिपदा ईलाके में संचालित नर्सिंग होम में सामने आया है। मामला एमजी नर्सिंग होम नामक प्राइवेट क्लिनिक से जुड़ा है। मामले की जानकारी मिलते ही सदर थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक मनोहर करमाली मौके पर पहुंचे और नर्सिंग होम के कब्जे से जच्चा-बच्चा को मुक्त कराकर घर भिजवाया। उन्होंने मामले की जानकारी होते ही इसमें हस्तक्षेप करते हुवे नर्सिंग होम पहुंचकर जच्चा बच्चा को वहां से सुरक्षित निकालकर उसे घर भेजवाया। पीड़िता के पति मंटू कुमार दांगी ने सिविल सर्जन डॉ श्यामनंदन सिंह को आवेदन देकर वस्तु स्थिति से अवगत कराते हुए नर्सिंग होम संचालक के विरुद्ध कारवाई करने की मांग की है।
बेम्स डिग्री धारी ने कर दिया ऑपरेशन
सदर थाना क्षेत्र के पकरिया गांव निवासी सुषमा देवी को प्रसव पीड़ा हुई। इस दौरान वह देवरिया बाईपास रोड में संचालित एमजी नर्सिंग होम के एक दलाल के चक्कर में फंसकर नर्सिंग होम पहुंच गई। जहां नर्सिंग होम की संचालक जो BEMS डिग्री धारक हैं। इनकी डिग्री को हिंदी में बैचलर ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी मेडिसिन एंड सर्जरी कहा जाता है। परंतु डॉक्टर पूर्णिमा सिन्हा खुद को स्त्री रोग विशेषज्ञ बताती हैं बल्कि बोर्ड और अपने लेटर पैड पर भी उन्होंने इस डिग्री को छपवा रखा है। डॉक्टर ने परिजनों को तुरंत आपरेशन नहीं किए जाने पर जच्चा-बच्चा को खतरे का भय दिखाकर जबरन सिजेरियन कर दिया। फिर क्या था डॉक्टर साहिबा ने ऑपरेशन के बदले परिजनों से दो लाख की राशि मांग डाली। गरीब सुषमा के पति ने उसे अपने पास 20 हजार रुपए होने की बात कही। जिसके बाद डॉक्टर साहिबा ने ऑपरेशन के बाद उससे पहले 20 हजार ले लिए और शेष 1 लाख 80 हजार रुपये लाने को कहा। इतने रुपए की व्यवस्था करने में असमर्थता जताने पर जच्चा-बच्चा को नर्सिंग होम में ही बंधक बना लिया गया।
परिजनों की करवा दी पिटाई
बहुत विनती करने के बाद भी उन्होंने जच्चा-बच्चा को नहीं छोड़ा। बल्कि कुछ गुंडे टाइप के लड़कों को बुलवाकर परिजनों की पिटाई भी करवा दी। ऐसे में सुषमा का पति भागकर सदर थाना पहुंचा और थाना इंचार्ज को सारी बातें बताई। थाना प्रभारी दलबल के साथ नर्सिंग होम पहुंचे और जच्चा-बच्चा को घर भेजवाया। इधर पीड़ित ने इस पूरे मामले में सदर थाना पुलिस और सिविल सर्जन से नर्सिंग होम संचालक पर गैरकानूनी तरीके से अबॉर्शन करने का भी गंभीर आरोप लगाया है। कहा है कि नर्सिंग होम में प्रतिबंध के बावजूद प्रतिदिन लिंग परीक्षण किया जाता है। बेटी की पुष्टि होने पर गरीब और अनपढ़ लोगों को भ्रूण हत्या कराने की सलाह दी जाती है। इस मामले में डॉक्टर पूर्णिमा सिन्हा का पक्ष लेने के लिए फोन किया गया तो उनके पति ने फोन उठाया और इस मामले में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।