कैमूर जिले में एक सरकारी विद्यालय में दोपहर के भोजन के बाद छात्राएं बेहोश होने लगीं, अब ये फ़ूड प्वाइजनिंग के कारण हुआ या किसी और वजह से,ये पूरी तरह से अभी स्पष्ट नहीं है।
विद्यार्थी के जीवन में तीन लोगों का अहम योगदान होता है माता-पिता और गुरु ऐसे में जब गुरु अपनी जवाबदेही से मुंह मोड़ ले तो फिर क्या कहा जाए?हम बात कर रहे हैं कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय डीडीखिली की, जहां शनिवार की दोपहर विद्यालय में खाना खाने के बाद आधा दर्जन छात्राएं अचानक ही एके के बाद एक करके बेहोश होने लगी। यह देख मौके से विद्यालय के कई शिक्षक फरार हो गए। आनन-फानन में सूचना मिलने के साथ मौके पर पहुंचे परिजन व अंचल अधिकारी (सीओ) और प्रखंड विकास प्राधिकारी (बीडीओ) ने सभी सभी छात्राओं को एंबुलेंस की मदद से इलाज के लिए दुर्गावती पीएचसी में भर्ती कराया। सभी छात्राओं का प्राथमिक उपचार अस्पताल में किया गया। इस पूरे मामले में जानकारी देते हुए दुर्गावती पीएचसी के चिकित्सक महमूद आलम ने बताया कि खाना खाने के आधे घंटे बाद बच्चे बेहोश होने लगे इससे फूड प्वाइजनिंग की आशंका लगाई जा सकती है। या फिर ये कमजोरी के कारण है, ये अभी स्पष्ट रूप से नहीं कहा जा सकता। लेकिन जो इलाज किया जा रहा है उसमें फूड प्वाइजनिंग से संबंधित इलाज किया जा रहा है। डॉक्टर कुछ स्पष्ट शायद न कह पाएं, भोजन विषाक्त था जिसके कारण फ़ूड प्वाइजनिंग हुई, या कोई और वजह थी बेहोशी की। परन्तु एक बात तो अवश्य स्पष्ट है कि शिक्षकों की लापरवाही घडी घडी उजागर होती दिखी। चाहे वो भोजन तैयार करने के दौरान हो,चाहे पडोसने के दौरान या छात्राओं के बेहोश हो जाने के बाद स्कूल से भाग जाने की घटना। ,
छात्राओं ने जानकारी देते हुए बताया कि खाने के कुछ घंटे बाद अचानक बेहोश होने लगे इसके बाद हम लोगों को अस्पताल लेकर गए। इस दौरान कुछ शिक्षक विद्यालय से चले गए और कुछ विद्यालय में ही मौजूद रहे।
छात्रा के परिजन बबन पसवान (बबन दुसाद) ने बताया कि स्कूल में हमारी बच्ची गुडिया कुमारी बेहोश हो गयी थी और शिक्षक विद्यालय छोड़कर फरार हो गए। मेरा बेटा मोटरसाइकिल से स्कूल गया और बेहोशी की हालत में हीं हमारी बच्ची को लेकर आया। बाद में फिर सभी अधिकारी भी स्कूल आए और अन्य छात्राओं को एंबुलेंस से इलाज के लिए दुर्गावती सरकारी अस्पताल ले गए। इस दौरान शिक्षकों की लापरवाही पूरी तरह से उजागर हो गयी है। एक तो भोजन बनाने या पडोसने के समय शिक्षकों का कोई ध्यान न था, उसपर से छात्राओं के बेहोश हो जाने के उपरान्त भी ऐसी हालत में उन्हें छोड़कर विद्यालय से फरार हो गए।