बिहार में 13 विश्वविद्यालयों में कार्यरत 14 हजार से अधिक शिक्षक, अतिथि शिक्षक और दूसरे कर्मियों को 3 महीने के बाद अब वेतन मिलेगा। ये वेतन दीपावली से पहले खाते में ट्रांसफर किया जाएगा। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को जुलाई से सितंबर तक का वेतन नहीं दिया है। इसकी वजह विवि और कॉलेज कर्मियों द्वारा शिक्षक, कर्मचारी, पेंशनरों की संख्या, पारिवारिक स्थिति, वेतन, कर्मचारियों के कार्य करने की अवधि सहित अन्य जानकारियां पेरोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड नहीं करना है। जिस कारण शिक्षा विभाग ने सभी कर्मियों का वेतन रोकने का आदेश दिया था। हालांकि शिक्षक संघ, शिक्षक और कर्मचारियों की परेशानी को देखते हुए वेतन रिलीज किया गया।
विश्वविद्यालय कर्मियों के वेतन के लिए शिक्षा विभाग ने 557.30 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इसमें 416.62 करोड़ रुपए परमानेंट शिक्षक और कर्मचारी तथा 140.68 करोड़ रुपए अतिथि शिक्षकों को मिलेंगे। इस दौरान सबसे अधिक पैसा ललित नारायण मिथिला विवि के शिक्षक व कर्मचारियों के लिए जारी किया गया। कुल राशि 90 करोड़ रुपए है। इसमें 50.63 करोड़ रुपए स्थायी शिक्षक और 39.44 करोड़ रुपए अतिथि शिक्षकों के लिए जारी किए गए।
शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय व कॉलेजों की अपडेट जानकारी जुटा रहा था। इसके लिए सभी विवि के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया था। उनको स्थायी और अस्थायी शिक्षक, कर्मचारी, छात्रों की संख्या, कर्मचारियों के पारिवारिक स्थिति, पेंशनर्स की जानकारी देनी थी। ये जानकारी विवि को पेरोल मैनेजमेंट पोर्टल पर अपलोड करनी थी। लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी जानकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई। इस पर विवि कर्मियों का वेतन रोक दिया गया। हालांकि वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विश्वविद्यालयों राहत दी गई है।