BOKARO: सरकारी शराब के ठेके से अगर आप एमआरपी से ज्यादा कीमत पर शराब खरीद कर पी रहे हैं तो सावधान हो जाइये । हो सकता है कि जिस विदेशी शराब को सरकारी ठेके से खरीद कर आप विशुद्ध मान रहे हैं वह या तो मिलावटी हो सकता है या फिर डुप्लीकेट। वैसे भी शराब के सेवन को हानिकारक माना जाता है। मगर सरकारी शराब के ठेके से शराब खरीदना आपके सेहत व जेब दोनों के लिए खतरनाक होने लगा है।
कई दुकानों से सैंपल जब्त
यह सब जानते हुए भी उत्पाद विभाग कार्रवाई करने की बजाय ग्राहकों की जेबों पर डाका डलवा रहा है और उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ करने की छूट दे रखी है। ऐसे ही एक बड़े मामले का भंडाफोड़ हुआ जब बोकारो जिले के सरकारी शराब के ठेके से बड़े पैमाने पर किए जा रहे खेल को पकड़ा गया। उत्पाद विभाग की बाहर से आयी टीम ने बोकारो की कई दुकानों पर छापा मारा और औचक जांच में जिस तरह का खेल पकड़ा उसने बोकारो के उत्पाद अधिकारियों को अपना चेहरा छुपाने व मोबाईल स्वीच्ड ऑफ कर भूमिगत होने पर विवश कर दिया है।
बाहर से आयी टीम ने मिलावटी शराब बेचने व कीमत से ज्यादा वसूलने के आरोप में जब कार्रवाई की तो बोकारो के उत्पाद विभाग के अधिकारियों के चेहरे स्याह पड़ गए। छापा मारने आयी टीम ने कई दुकानों से नमूने जब्त किए है और छह लोगों को हिरासत में लकर उन्हें उत्पाद विभाग के हाजत में कैद कर रखा है।
भ्रष्ट अधिकारी इस मिलीभगत में शामिल
बोकारो के उत्पाद विभाग के अधिकारी प्रेस से कन्नी काटते नजर आए। अधिकारियों को शायद इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वे प्रेस के सवालों पर अपना क्या जवाब देते। प्रेस का सामना करने की बजाय नौटंकी करते हुए खिसक लिए। बाद मे उनका मोबाईल बजता रहा, लेकिन नो रिप्लाई हुआ। उत्पाद विभाग के सहायक आयुक्त का भी फोन नो रिप्लाई हुआ और बाद में स्विच्ड ऑफ हो गया। शराब के ठेका की दुकानों से जुड़ी छतीसगढ़ की कंपनी के साथ इस पूरे कारोबार में अपना पूरा सहयोग कर प्रतिदिन लाखों की कमायी करनेवाले अधिकारी अब अपना चेहरा छुपाते दिख रहे हैं।
उत्पाद विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों का सहयोग व उनकी मिलीभगत से शराब के शौकिनों को रोजाना छतीसगढ़ की कंपनी चूना लगा रही है । इस तरह बटोरे गए माल से सबको मालामाल कर रही है। प्रतिमाह करोड़ों की अतिरिक्त उगाही से मिलनेवाले अपने अपने हिस्से ने सबका मुंह बंद कर रखा है।