बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर सोमवार को बेगूसराय पहुंचे। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के जयंती समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने आज की राजनीति में जाति को लेकर उठ रहे सवाल पर बिना नाम लिए तंज कसा है। सिमरिया उच्च विद्यालय परिसर में 116वें जयंती समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज जाति पर बार-बार सवाल उठ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जाति पर राजनीति हो रही है। राजनीति में जाति पूछी जा रही है। जाति पूछने का चलन चल पड़ा है। लेकिन दिनकर जी ने रश्मिरथी में जाति पूछने वालों पर कटाक्ष किया था। कर्ण को भरी सभा में पूछा गया था कि तुम किस जाति के हो। दिनकर ने रश्मिरथी में जाति के संबंध में जो बात लिखा था, वह आज सच हो रहा है। उन्होंने लिखा था जाति पूछने वाले जगत में शर्माते नहीं हैं।
राज्यपाल ने कहा कि दिनकर ने कविता से अधिक गद्य लिखा। सभी भाव को उन्होंने काव्य का रूप दिया, जो समाज में सुधार का संदेश देता है। राष्ट्रभाव और प्रेम के साथ ही श्रृंगार का दर्शन कराती है। आज शेक्सपियर का नाम लिया जाता है। लेकिन उनका नाम लेने वालों से पूछना चाहिए कि क्या आपने दिनकर को पढ़ा है। हम सबको दिनकर पर गर्व है, क्योंकि उनके जैसी कविता किसी की नहीं है।
अपनी रचना उन्होंने समाज को सीखने के लिए लिखा। आज तक किसी ने नहीं कहा कि दिनकर का लेखन निचले स्तर का था। संस्कृति के 4 अध्याय में उन्होंने देश की संस्कृति के सभी आयामों को सामने रखा। दिनकर की कविता और काव्य से लगता है कि उनमें देवी शक्ति रही होगी। तभी तो उन्होंने जो लिखा सच लिखा।
दिनकर के काव्य को ऑनलाइन किया जाए, उसका डिजिटाइजेशन हो। गूगल शेक्सपियर के बारे में बहुत बातें बताता है। अगर दिनकर की रचनाओं का डिजीटिलाइजेशन हो जाएगा तो दुनिया और जानेगी। वह हमारे प्रेरणापूंज थे। उनके गांव को बेहतर बनाना होगा। सिमरिया मॉडल गांव बने। आदर्श ग्राम की परिकल्पना साकार हो। गांव आते ही लोगों को लगे कि हर घर में दिनकर है।