[Team insider] पुलवामा हमले में शहीद वीर विजय सोरेंग का तीसरा शहादत दिवस सोमवार को जिला के बसिया प्रखण्ड के कुम्हारी उच्च विद्यालय में सीआरपीएफ द्वारा मनाया गया। मालूम हो कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए विजय सोरेंग शहीद हो गये थे। शहीद हवलदार जीडी विजय सोरेंग का जन्म 12 मई 1974 में फारसामा में हुआ था और प्रारंभिक शिक्षा फारसामा स्थित स्कूल में हुआ था। उन्होंने कुम्हारी उच्च विद्यालय से मैट्रिक उर्तीण किये। उन्होंने 4 मई 1993 को सीआरपीएफ के सेवा में आये और देश के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात रहते हुए सेवारत रहे।
जीवन भर अपने पुत्र को नहीं भुला सकता
इस मौके पिता बृज सोरेंग ने कहा कि मेरे पुत्र के शहादत पर मुझे गर्व है। जीवन भर अपने पुत्र को नहीं भुला सकता। वहीं उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं की गई थी, लेकिन तीन वर्ष के बाद भी आज तक हमारे गांव में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। गांव जाने के लिए सड़क जर्जर है, पीने के लिए साफ पानी की भी सुविधा नहीं है। अगर गांव में पानी टंकी की सुविधा हो जाती तो सभी को स्वस्थ जल प्राप्त होता। अच्छी तरह से मोबाइल टावर भी काम नहीं करता है। शहीद की मां लक्ष्मी सोरेंग के चेहरे पर पुत्र की याद साफ साफ झलक रहा था।
अब तक नहीं मिली बीसीसीएल द्वारा घोषित राशि
शहीद के पिता ने बताया कि कुम्हारी तालाब चौक पर विजय सोरेन का प्रतिमा लगाए जाने का मांग किया गया था लेकिन अब तक पूरी नहीं हुई है। वही फरसमा जाने वाली पक्की सड़क का हाल भी बेहाल और जर्जर है, जिसे पुनः निर्माण कर विजय सोरेन पथ मार्ग रखने का नाम मांग किया है। वहीं आज तक बीसीसीएल द्वारा घोषित लंबित शहीद की राशि भी अभी तक उनके परिजनों को नहीं मिल सकी।
3 साल के बाद भी नहीं मिला नौकरी
वही शहीद की पत्नी कार्मेल बा ने कहा कि सरकार के द्वारा जो मेरे बेटे को नौकरी देने की घोषणा की गई थी। सीआरपीएफ के द्वारा मेरे बेटे को नौकरी दिया जा रहा था, लेकिन मेरा बेटा सीआरपीएफ में नहीं जाना चाहता है। वह सिविल नौकरी करना चाहता है। हम लोग 3 साल पहले ही इसको लेकर के आवेदन दिए थे लेकिन आज तक हमें नौकरी नहीं मिला।
वहीं, क्षेत्रीय विधायक जिंगा सुसारण होरो ने कार्यक्रम खत्म होने के बाद पहुंचे और शाहिद के गांव का रोड खराब होने की जानकारी शाहीद के परिजन ने दिया और अश्वासन भी मिला हैं लेकिन कब तक बनता हैं यह आने वाला समय बताएगा।