मामला शिवहर का है, जहां 17 साल पहले एक व्यक्ति ने एक्सपायर्ड दवा को लेकर मुकदमा दर्ज करवाया था। बिहार में जजों की कमी के कारण प्रतिदिन केस बढ़ रहे हैं। लेकिन दर्ज मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा है। इस मुकदमा में एक शख्स ने 17 साल और 20 हजार रुपया भी खर्च कर दिया। लेकिन परिणाम हाथ नहीं लगा।
दवा दुकान पर किया केस दर्ज
मामला पुरनहिया प्रखंड के बराही गांव का है। 2005 में जब सुरेंद्र राउत के पेट में अचानक से दर्द हुआ और अस्पताल जाने के लिए तयार हो रहे थे। तब रास्ते में स्थित एक दवा दुकान से दवा लेने को सलाह दी। वह दवा दुकान, अदौरी चौक स्थित नंदलाल के नाम से था। इसके बाद सुरेंद्र वहां पहुंचे और जांच करवाया। जांच में बताया कि गैस की परेशानी है और फिर नंदलाल ने सिरप और कुछ कैप्सूल दिया। दवा की कुल कीमत 70 रुपए थी जो सुरेंद्र ने पेड किया। दवा खाने के बाद सुरेंद्र की तबियत और बिगड़ गई, जिसका कारण था एक्सपायर्ड दवा। इस मामले को ले कर सुरेंद्र स्थानीय थाना भी गए लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला। फिर उन्होंने कोर्ट में मामला दर्ज कराया।
17 साल बाद लिया एक्शन
इस मामले को लेकर सुरेंद्र कुमार ने कोर्ट में मामला दायर किया। उसने आरोप लगाया कि नंदलाल शाह और उनके भाई सुखलाल शाह एक्सपायर्ड दवा देते हैं। बिना लाइसेंस का दवा दुकान चलाते हैं और बिन डिग्री के लोगों को दवा देते हैं। 17 साल तक कार्रवाई नहीं होने पर न्यायिक दंडाधिकारी राकेश कुमार की कोर्ट ने एक्शन लेकर केस दर्ज करवाया है और जांच का आदेश दे कर पुलिस छानबीन में जुट गई है।