पटना का महावीर मंदिर हर दिन 10 लाख रुपए आमदनी करती है। इसमें मंदिर के भेंट पात्रों से निकली चढ़ावे की राशि, कर्मकांड शुल्क, नैवेद्यम की बचत राशि, स्वैच्छिक चंदे से प्राप्त राशि, मंदिर परिसर के विक्रय केंद्रों की बचत राशि और बैंक ब्याज शामिल हैं। इसमें अस्पतालों एवं अन्य संस्थाओं के आय-व्यय की राशि शामिल नहीं है। इस बात जानकारी शुक्रवार न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दी है। बताया कि न्यास समिति की ओर से जब महावीर मन्दिर का वर्ष 1987 के नवंबर में अधिग्रहण किया गया था तब मन्दिर की आय प्रतिवर्ष 11 हजार के आस पास थी और मन्दिर के बैंक अकांउट में एक भी रुपया नहीं था।
मंदिर के पास सवा सौ एकड़ से अधिक जमीन
किशोर कुणाल ने बताया कि जब वर्तमान न्यास समिति ने कार्य प्रारंभ किया था, तब मंदिर परिसर के अलावा कोई जमीन नहीं थी। आज इस मंदिर के पास सवा सौ एकड़ से अधिक का भूखंड है। कमरिया के पास विराट रामायण मंदिर के लिए 7 से लेकर 12 लाख रुपए प्रति एकड़ का दर से सौ एकड़ जमीन खरीदी है। वहां का सरकारी रेट 80 लाख रुपए प्रति एकड़ है। इसके साथ ही राम जानकी पथ में पड़ने वाले भूखंड का मुआवजा चौगुने दाम पर मिलने वाला है।
पटना के बाहर भी 5 शहरों में मंदिर
वर्तमान न्यास समिति ने महावीर मन्दिर, पटना के सर्वांगीण विकास के अलावे हाजीपुर के प्रसिद्ध पौराणिक गजेन्द्र मोक्ष स्थल, कोनहरा घाट पर एक भव्य विशालनाथ मन्दिर और वैशाली जिला के इस्माइलपुर में नवीन आकर्षक राम जानकी मन्दिर का निर्माण किया है। महावीर मन्दिर के प्रति अतिशय श्रद्धा भाव के कारण मुजफ्फरपुर के स्व दिलीप साहु ने वहां का विशाल रामजानकी मन्दिर, मनमोहन मन्दिर और हनुमान मन्दिर को वर्तमान महावीर मन्दिर के नाम कर दिया है। पटना महावीर मन्दिर की ओर से उस मन्दिरों का जीर्णोद्धार किया गया। इसी तरह गया के शैलेश कुमार सिन्हा ने कचहरी के पास स्थित माधवानन्द महावीर मन्दिर को सौंप दिया है। कोइलवर के पास सकड़डीह के रंजी सिंह ने एक हनुमान मन्दिर सौंपा है, जिसके पास मेन सिक्स लेन मार्ग पर एक बीघा जमीन है। वहाे भव्य शिव मन्दिर बन रहा है।