हजारीबाग का प्रसिद्ध नरसिंह स्थान मंदिर कार्तिक पूर्णिमा मेले के लिए जाना जाता है, क्योंकि इस दिन नरसिंह स्थान मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है। लेकिन इस वर्ष 1 दिन पहले ही मेले का आयोजन हुआ है और इसका कारण कल यानी 8 नवंबर को लगने वाला चंद्रग्रहण है क्योंकि सूतक काल में मंदिर के कपाट बंद रहेंगे जिसके कारण आयोजन समिति आज ही मेले का आयोजन किया। वहीं भक्तों की भीड़ भी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आज उमड़ी। यह मंदिर इतिहास 400 वर्ष पुराना है और संजोग कह लीजिए कि 400 वर्षों में पहली बार इस वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के दिन जिस दिन इस मंदिर में पूजा अर्चना की विशेष महत्व है उसी दिन अपने इतिहास में पहली बार या मंदिर बंद रहेगा।
मुख्य प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है गन्ना
वहीं मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि इस मंदिर की विशेषता है यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है और उसे मन्नत को उतारने लोग कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां आते हैं परंतु कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण होने के कारण मंदिर बंद रहेगा इसलिए लोग आज ही पूजा-अर्चना के लिए आ रहे हैं उन्होंने बताया कि भगवान नरसिंह को गन्ने का रस बहुत प्रिय था इसलिए इस मेले में आज गन्ने की बिक्री बहुत होती है और मुख्य प्रसाद के रूप में गन्ना ही चढ़ाया जाता है। पूजा अर्चना करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी बताया कि वह बचपन से यहां आ रहे हैं। कार्तिक पूर्णिमा का मेला बचपन से ही देखते आ रहे हैं और इस मेले में गन्ने का एक अलग ही महत्व है आज गन्ना खूब बिकता है और भगवान को भी चढ़ाया जाता है।