बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के आदेश और कार्रवाई से लगातार शिक्षकों की नाराजगी सामने आ रही है, सरकारी स्कूल में नकेल कसने के बाद जब के के पाठक ने कोचिंग संचालकों के लिए निर्देश जारी किए तो कोचिंग संस्थान उनके निर्देशों के खिलाफ कोर्ट का रुख अपना लिया, और के के पाठक के निर्देशों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर दी।
दरअसल, के के पाठक ने राज्य के सभी जिला पदाधिकारी को निर्देश दिया था कि कोचिंग संस्थान को यह सुनिश्चित कर दिया जाए कि स्कूल टाइम में कोचिंग न खोले, यानि की कोचिंग संस्थानों को 9 से 4 बजे तक न खोला जाए। जारी किए गए आदेश पत्र में स्पष्ट किया गया था कि राज्य में बिहार कोचिंग इंस्टीट्यूट कोचिंग एंड रेगुलेशन एक्ट 2020 लागू है, लेकिन इस अधिनियम के तहत कभी कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए है जिलाधिकारियों को सुनिश्चित करने का आदेश शिक्षा विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी द्वारा जारी किया गया था। जिसके खिलाफ कोचिंग संस्थान हाईकोर्ट चले गए है और हाई कोर्ट में कोचिंग संचालक ने संबंधित आदेश को रद्द करने की याचिका दायर की है
कोचिंग संस्थानों ने अपने और छात्रों के हितों के नुकसान के आधार पर कोर्ट में याचिका दायर की है जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार के इस आदेश की वजह से न सिर्फ कोचिंग में पढ़ाने वाले लोगों के व्यवसाय में घाटा लगा है, बल्कि छात्रों को भी नुकसान हुआ है। यह याचिका अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव के माध्यम से यह याचिका कोचिंग एसोसिएशन ऑफ भारत व अन्य द्वारा दायर की गई है।