[Team insider] मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन पट्टा और शेल कंपनी मामले में आज झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी बता दे की 3 जून को मुख्यमंत्री से जुड़े दो पीआईएल वैद्य ठहराया था। लेकिन दोनों पीआईएल की वैधता से जुड़े आर्डर को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया है। और आज इस मुद्दे पर भी बात की जाएगी।
सीबीआई और ईडी से जांच के लिए पीआईएल दायर
पीआईएल में जो कंटेंट दिए गए हैं यह लग रहा है कि दोनों मामले जनता के हित से जुड़े हुए हैं। बता दें कि शिव शंकर शर्मा ने मुख्यमंत्री के नाम खनन पट्टा और शेल कंपनियों में उनकी भागीदारी की सीबीआई और ईडी से जांच के लिए पीआईएल दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाई कोर्ट ने 3 जून को दोनों पीआईएल को मेंटेनेबल बताया था।
कोर्ट ने बचाव पक्ष दलील को बताया था बेबुनियाद
वही राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के तरफ से दलील देते हुए कहा गया था की दोनों पिटीशन गलत है , उनकी तरफ से यह कहा गया कि याचिकाकर्ता ने गलत इरादे से मामले को उठाया था। बचाव पक्ष की दलील थी कि मुख्यमंत्री ने खनन लीज को सरेंडर कर दिया था। इसके साथ ही 1884 के क्रुपर बनाम स्मिथ मामले में आएकी बात भी कही गयी , जिसमें कहा गया था कि अगर फौरी तौर पेश किए गए मटेरियल को देखकर लगता है कि उसका जनता से सम्बन्ध है तो फिर वैसे पिटिशन को नहीं फेंका जा सकता। लेकिन कोर्ट ने बचाव पक्ष के उस दलील को बेबुनियाद बताया।