AI के आने के बाद देश में लगातार इसका दुरुपयोग किया जा रहा है कई सेलिब्रेटी के डिपफेक वीडियोज और फोटोज वायरल हुए है। AI फायदे से ज्यादा नुकसानदेह साबित हो रहा है जिसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अलर्ट जारी किया है। डीपफेक का उपयोग कर भ्रांति फैलाने, उन्माद और अफवाह फैलाने की आशंका जताई है। इसे ध्यान में रखते हुए ईओयू (आर्थिक अपराध इकाई) अलर्ट मोड में है। इसकी सोशल मीडिया यूनिट (एसएमयू) को सभी तरह के सोशल साइट्स पर निरंतर नजर रखने के लिए कहा गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि लोकसभा चुनाव में इसका दुरुपयोग हो सकता है डिपफेक की मदद से फोटो और वीडियो में फेरबदल की जा सकती है।
थोड़ी देर में नीतीश का फ्लोर टेस्ट, बीजेपी के तीन विधायक अभी भी नदारद
ईओयू की टीम रखेगी सोशल मीडिया पर विशेष नजर
डीपफेक के दुरुपयोग को लेकर खासतौर से ईओयू की एसएमयू को अलर्ट कर दिया गया है। विशेषज्ञ की टीम सोशल मीडिया के सभी कंटेंट पर निरंतर नजर बनाए हुए है। विवादास्पद मामला सामने आने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोकसभा चुनाव में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए तैयारियां शुरु कर दी गई है। बिहार के सभी जिलों में सरकारी एवं अर्ध सरकारी क्षेत्र में कार्यरत कर्मियों का डाटा-बेस बनेगा। इसके लिए निर्वाचन विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को सभी विभागों एवं कोषांगों में तैनात कर्मियों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। ताकि, चुनाव के दौरान इन कर्मियों की तैनाती विभिन्न कार्यो के लिए किया जा सके।
सूची तैयार होने के बाद कर्मियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
सूची तैयार होने के बाद सभी कर्मियों को प्रशिक्षण दी जाएगी। यह प्रशिक्षण तीन प्रकार की होगी। जानकारी के अनुसार जिलों में बनाए गए विभिन्न कोषांगों के नोडल पदाधिकारियों का प्रशिक्षण फिलहाल टल गया है। इसके 21 फरवरी के बाद शुरू होने की संभावना है। निर्वाचन विभाग के सूत्रों ने बताया कि 19 फरवरी से 21 फरवरी तक भारत निर्वाचन आयोग की उच्च स्तरीय टीम के बिहार दौरे को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम का अभी स्थगित किया गया है।
नेताओं के फोटो, वीडियो में फेरबदल की जा सकती है
डिपफेक की मदद से कई तरह से नेताओं के फोटो में फेरबदल किया जा सकता है आवाज में छेड़छाड़ की जा सकती है छवि बिगाड़ने, उन्मादी फैलाने और आपत्तिजनक वीडियो बनाई जा सकती है जैसा कभी हुआ ही न हो।