RANCHI : केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान व विकास ब्यूरो (बीपीआरएनडी) ने देश के सभी राज्यों से एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) मांगी है। यह रिपोर्ट 48वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस के तहत मांगी गई है। लेकिन चार रिमाइंडर के बाद भी झारखंड पुलिस ने अबतक एटीआर नहीं सौंपी है। चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को एटीआर नहीं भेजने वालों में झारखंड व एक अन्य राज्य ही शामिल हैं। झारखंड के द्वारा एटीआर नहीं भेजे जाने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के द्वारा क्रियान्वयन बिंदुओं पर शोकॉज भी किया जा सकता है।
दिसंबर 2022 में मांगी थी रिपोर्ट
भारत सरकार की बीपीआरएनडी ने दिसंबर 2022 को पहली बार क्रियान्वयन रिपोर्ट मांगी थी। इसके बाद सीआईडी ने इस संबंध में सभी आईजी, सभी जिलों के एसपी, निदेशक राज्य विधि प्रयोगशाला, सभी समादेष्टाओं से क्रियान्वयन के बिंदुओं पर रिपोर्ट मांगी थी। बाद में पांच जनवरी, 14 मार्च, 6 अप्रैल और तीन मई को भी रिमाइंडर भेज कर रिपोर्ट की मांग की गई थी, लेकिन कहीं से भी क्रियान्वयन रिपोर्ट नहीं भेजी गई।
31 मई की डेडलाइन मिली
48वीं आल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस की क्रियान्वयन रिपोर्ट को लेकर बीपीआरएनडी के अधिकारियों ने 22 मई को सभी राज्य के नोडल पदाधिकारियों के साथ एटीआर की प्रगति की समीक्षा की थी। तब झारखंड व एक अन्य राज्य ने ही एटीआर ससमय नहीं भेजा था। छह माह से अधिक बीतने के बाद भी एटीआर नहीं देने को बीपी आरएनडी और राज्य की सीआईडी ने अब गंभीर माना है। बीपी आरएनडी के अधिकारियों ने खेद जताते हुए अब राज्य पुलिस को 31 मई तक का वक्त दिया है।
कई बिंदुओं पर मांगी है जानकारी
48वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस में बीपीआरएनडी ने पुलिस व्यवस्था में सुधार को लेकर 53 अहम बिंदुओं पर सुझाव आए थे। इन बिंदुओं पर जिलों से लेकर मुख्यालय व बटालियनों में क्या कार्रवाई हुई बीपीआरएनडी के अधिकारियों ने इसका एटीआर मांगा गया है।