पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा ऑटोमेशन ऑफ़ ड्रेनेज पम्पिंग स्टेशन प्रणाली पम्पिंग स्टेशनों की कार्यकुशलता को बढ़ाने के लिए विकसित की गई है। इस प्रणाली के तहत 9 पंपिंग स्टेशन में वाटर लेवल सेंसर , तापमान और वाइब्रेशन सेंसर का अधिष्ठापन किया साथ ही इस पूरे सिस्टम को इंटीग्रेटेड कमांड सेंटर से एकीकृत किया गया है। ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन के ऑटोमेशन से किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति जैसे पानी का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर जाना या पंप की विफलता) पर अलर्ट कंट्रोल रूम को प्राप्त हो रहा है इसके अलावा, यह प्रणाली पम्पों के संचालन को स्वचालित रूप से नियंत्रित करती है, ताकि जलस्तर को निर्धारित सीमा में बनाए रखा जा सके।
सैदपुर पम्पिंग स्टेशन, योगीपुर पम्पिंग स्टेशन, योगीपुर एनबीसीसी स्टेशन, ईको पार्क-1 पम्पिंग स्टेशन, ईको पार्क-2 पम्पिंग स्टेशन, ईको पार्क-3 पम्पिंग स्टेशन, पहाड़ी न्यू पम्पिंग स्टेशन, पहाड़ी ओल्ड पम्पिंग स्टेशन, पहाड़ी एनबीसीसी पम्पिंग स्टेशन
इस परियोजना से होंगे ये लाभ
संप में वाटर लेवल सेंसर अधिष्ठापित किए गए हैं, जिससे पानी के स्तर की रीयल-टाइम निगरानी संभव हो रही है। इन सेंसरों के माध्यम से पानी के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिल रही है भी ताकि पम्पिंग सिस्टम को सही समय पर चालू किया जा सके और जल जमाव की समस्या से बचा जा सके।
संप और स्क्रीन के ऊपर कैमरे लगाए गए हैं, जिससे पम्पिंग स्टेशनों की स्थिति और जलस्तर की निगरानी की जा रही हैं। ये कैमरे कंट्रोल रूम से जलस्तर की स्थिति की निगरानी करने की सुविधा प्रदान कर रहे हैं जिससे निर्णय लेने में मदद मिलेगी| कंट्रोल रूम से निगरानी और नियंत्रण इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल रूम से SCADA के माध्यम से एकीकृत किया गया है एवं पटना नगर निगम में भी एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इस प्रणाली के माध्यम से तकनीकी टीम को कंट्रोल रूम से निगरानी और नियंत्रण की सुविधा प्राप्त हो रही है, जिससे पम्पिंग स्टेशनों के संचालन में त्वरित निर्णय लिए जा रहे हैं ।पम्पिंग ऑटोमेशन प्रणाली में संप हाउस में लगे पंप को स्वचालित यानी (स्वतः ऑन और ऑफ़) की सुविधा इस तरह से डिज़ाइन की गई है, जिससे जलस्तर को एक निश्चित सीमा में बनाए रखा जा सके।
जलस्तर की निगरानी करने के लिए यह प्रणाली ऑटोमेटेड अलर्ट भेजेगी यदि पानी का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर या नीचे जाता है।ये अलर्ट मोबाइल फोन पर भी भेजे जाएंगे जिससे तकनीकी टीम को तुरंत सूचित किया जा सके और पम्पिंग स्टेशनों की त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित हो सके।
पम्पों की स्थिति को ट्रैक करने के लिए तापमान और वाइब्रेटर सेंसर लगाए गए हैं। इन सेंसरों के माध्यम से पम्पों के तापमान और वाइब्रेशन का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाएगा, ताकि किसी भी असामान्य स्थिति का पता चल सके और पम्पों की कार्यकुशलता सुनिश्चित हो सके। इस प्रणाली से पम्प के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी और समय रहते रखरखाव के लिए अलर्ट भेजा जाएगा।