[Team insider] शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने शनिवार को जल्द 7 जिलों के स्कूल में सभी क्लासेस शुरु किये जाने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के 7 जिलों में क्लास 1 से 8 तक खोलने पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। इसे लेकर आपदा प्रबंधन की बैठक में अंतिम निर्णय लिए जाएंगे। अगले कैबिनेट में इस बात को वह रखेंगे। इन 7 जिलों में रांची, पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, चतरा ,देवघर,सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा शामिल है। जहां कोविड-19 संक्रमण में कमी आई है। वर्तमान में 17 जिलों में सभी क्लासेस शुरू है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा भी समय पर होगी।
40 हजार सरकारी विद्यालय सौंपी जा सकती है प्राइवेट कंपनियों के हाथ
सरकार राजभर के लगभग 40 हजार सरकारी विद्यालयों को प्राइवेट कंपनियों के हाथों सौंप सकती है। जिसे लेकर मंथन जारी है। शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो ने कहा है कि हम शिक्षा व्यवस्था को बदलने के लिए हर संभव प्रयास करने को तैयार हैं। जल्द ही राज्य के सैकड़ों मॉडल स्कूल बनकर तैयार हो जाएंगे।इन मॉडल स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर विद्यार्थियों को शिक्षा दी जाएगी।इस दिशा में सरकार कई ठोस कदम उठाया है।
प्रत्येक बच्चे पर शिक्षा को लेकर सरकार 22 हज़ार सलाना कर रही है खर्च
शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रत्येक बच्चे पर शिक्षा को लेकर सरकार 22 हज़ार सलाना खर्च कर रही है, लेकिन इस 22 हज़ार से बच्चों का बौद्धिक और शैक्षणिक विकास नहीं हो पा रहा है। मंत्री ने कहा कि हम 22 हजार सलाना आउटसोर्सिंग कंपनी को उससे अधिक पैसे देने को तैयार हैं, लेकिन बच्चों के बौद्धिक मानसिक गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जा सकता है। 22 वर्षों में भी सरकार राज्य में शिक्षा व्यवस्था की हालत नहीं बदली है
सरकार 325 मॉडल स्कूलों के लिए भवन का कर रही है निर्माण
सरकार द्वारा शिक्षा के 325 मॉडल स्कूलों का के लिए भवन का निर्माण कर रही है। वहीं राज्य सरकार 13 जिले में कम से कम 2 मॉडल स्कूलों के भवन का निर्माण पूर्ण कराने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। इनमें से कई आकांक्षी जिला है, जहां स्कूल निर्माण किया जा रहा है। भवन निर्माण के बाद स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाइब्रेरी स्टेमसेल लैब, पाठक पठन-पाठन के अत्याधुनिक साधन से संपन्न होंगे।
भाषा विवाद का हुआ पटाक्षेप
वहीं शिक्षा मंत्री ने कहा कि धनबाद और बोकारो से मगही और भोजपुरी को हटाये जाने के साथ ही राज्य में भाषा विवाद का पटाक्षेप हो गया है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भाषा के नाम पर राजनीति कर रहे थे। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आगे किसी की राजनीति नहीं चलती। वह देश के सबसे अच्छे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग आंदोलन की बात कर रहे थे। आज वह बैकफुट पर है।
आंदोलन से नहीं बना दबाव
भाषा को लेकर आंदोलन के दबाव में आकर मगही भोजपुरी भाषा हटाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि उन्होंने पहले ही मुख्यमंत्री से इसका आग्रह किया था और कैबिनेट में बात उठाई थी। उन्होंने कहा कि अगर आंदोलन से ही भाषा हटती, तो आंदोलनकारी पलामू, गढ़वा और चतरा से इन भाषाओं को हटवा दें। इसके साथ ही सभी जिलों में उर्दू भाषा को क्षेत्रीय भाषा में शामिल करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी जिलों में उर्दू बोली जाती है। राज्य के सभी जिले में उर्दू बोलने वाले लोग हैं।इसलिए उर्दू को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है। इसमें कोई गलत बात नहीं है।